जिला जेल गरियाबंद का निरीक्षण

गरियाबंद 01 अक्टूबर 2025/ माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली से प्राप्त निर्देशानुसार जेलों में निवासरत बंदियों का उम्र सत्यापन कराया जाना है। उम्र निर्धारण के संबंध में संदेह अथवा प्रक्रियागत त्रुटि के कारण बच्चे जेलों में निरूद्ध हो जाते हैं। जिनके उम्र का सत्यापन करने हेतु अधिवक्ताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के पैनल को सम्मिलित कर जेलों का निरीक्षण प्रत्येक त्रैमास में किया जाता है। उक्त निर्देश के परिपालन में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग अशोक कुमार पाण्डेय के निर्देशानुसार तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के मार्गदर्शन में आज जिला जेल गरियाबंद का जेल निरीक्षण समिति में श्रीमती पूर्णिमा तिवारी सदस्य किशोर न्याय बोर्ड, श्रीमती ताकेश्वरी साहू सदस्य बाल कल्याण समिति, हेमराज दाऊ अधिवक्ता, सुश्री लता नेताम (सामाजिक कार्यकर्ता) लोक आस्था एवं शरदचंद निषाद (विधिक सह परिविक्षा अधिकारी) के द्वारा जेल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण समिति द्वारा 05 बैरकों का निरीक्षण किया गया निरीक्षण समिति द्वारा प्रत्येक बंदियों से मुलाकात कर उनके वास्तविक आयु की जानकारी ली गई। जिसमें 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी बंदी निरूद्ध नहीं पाया गया। 01 बंदी ने बताया कि घर में हमारे बच्चों का देखभाल करने के लिए कोई नहीं हैं एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है एवं बालकों को देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता है। जेल निरीक्षण समिति द्वारा बंदियों के बच्चों, का देखभाल एवं संरक्षण करने के संबंध में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है। पूर्व में जेल निरीक्षण समिति द्वारा निरीक्षण किया गया था उसमें 02 बालकों को शासन की महत्तवकांक्षी योजना स्पांसरशीप से लाभांवित करने हेतु अनुशंसा किया गया है।