आरक्षकों के निलंबन और विभागीय जांच का कोई फायदा नहीं, थानेदार पर हो कार्रवाई: चोपड़ा
महासमुंद। पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक से उनके कार्यालय में भेंट की। डॉ. चोपड़ा ने उन्हें अवगत कराया कि आरक्षकों द्वारा घूस लेकर तस्करों को छोड़ा जा रहा है। शराब, गांजा, ड्रग्स जैसे कई मादक पदार्थों के अवैध व्यापार को फलने-फूलने दिया जा रहा है। उन्होंने पटेवा थाने के चार आरक्षकों को घूस लेने के आरोप में निलंबित करने के मामले में कहा कि सिर्फ आरक्षकों को निलंबित क्यों किया गया, जबकि उन सभी का मुख्य सरगना पटेवा थाने का थानेदार है, उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? थानेदार पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। आरक्षकों को निलंबित करने और विभागीय जांच कराने से कोई भी परिणाम नहीं आएगा, विभागीय जांच एक औपचारिकता मात्र है। ऐसे सैकड़ों विभागीय जांच कार्यालयों में धूल खा रही है, जिस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई और न तो शायद ही कभी की जाएगी। जिसे मात्र कार्यालयीन रूप से दिखाया जाएगा, जिसमें न तो कोई कार्रवाई होगी और न तो किसी की गिरफ्तारी। डॉ. चोपड़ा ने आगे कहा कि जिस प्रकार एक साधारण कर्मचारी पर घूस लेने पर कार्रवाई होती है। एफआईआर कर गिरफ्तार किया जाता है, ठीक उसी तरह पुलिस प्रशासन में पदस्थ घूसखोर अधिकारियों और आरक्षकों के खिलाफ भी मात्र विभागीय जांच न की जाए, वरन उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जाए। निलंबन की प्रक्रिया मात्र कुछ दिनों में समाप्त हो जाती है। बाद उक्त घूसखोर कर्मचारी फिर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर घूसखोरी के कार्य को अंजाम देते हैं।
कलेक्टोरेट या एसडीएम कार्यालय या अन्य विभाग में घूस लेते हुए पकड़े जाने पर उस अधिकारी-कर्मचारी पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी कर कार्रवाई की जाती है, उसी प्रकार पुलिस विभाग में भी कोई भी अधिकारी हो या आरक्षक अगर घूस लेते हुए पकड़े जाते हैं तो उन सभी पर आवश्यक रूप से कार्रवाई की जानी चाहिए। झलप और पटेवा क्षेत्र के ग्रामीण काफी दिनों से क्षेत्र में हो रहे अवैध शराब बिक्री और नशाखोरी की शिकायत कर रहे हैं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने पटेवा थाने में भी की परंतु ना तो किसी भी प्रकार की कार्रवाई की गई और ना ही जिला पुलिस प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई की गई। डॉ. चोपड़ा ने पुलिस अधीक्षक से पटेवा और झलप में हो रहे अवैध नशे के कारोबार को बंद कराने और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए चर्चा की। डॉ. चोपड़ा ने गृह मंत्री विजय शर्मा से भी फोन पर बात करते हुए इन सभी मामलों से अवगत कराते हुए कार्रवाई का अनुरोध किया।