जमीन का सीमांकन और नक्शा दुरुस्त कराने 4 साल से कार्यालय के चक्कर काट रहा युवक

महासमुंद। अपनी जमीन का सीमांकन और नक्शा दुरुस्त कराने के लिए एक युवक पिछले चार सालों से दफ्तरों का धक्के खा रहा है। युवक ने एक बार फिर से कलेक्टर को आवेदन सौंपा है। आवेदन में कहा है कि राजस्व विभाग की लापरवाही और टालमटोल के कारण उनकी भूमि संबंधी प्रकरण अधर में लटका हुआ है साथ ही उनका भविष्य, पढ़ाई और आजीविका भी प्रभावित हो रही है।
वार्ड नंबर 1 बसना निवासी अविनाश बाघ ने आवेदन में कहा है कि 2021-22 में, जब मधुस्मिता पति ज्योतिष ने उनकी भूमि पर घेराबंदी की तब उन्होंने तहसीलदार बसना को अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन दिया, तब तत्कालीन तहसीलदार के आदेश पर पटवारी मौके पर पहुंचे, पंचनामा तैयार हुआ। लेकिन, कार्रवाई अधूरी छोड़ दी गई। 2025 में बार-बार आवेदन देने के बाद 15 जुलाई को सीमांकन पूर्ण कर मौके पर पंचनामा भी बनाया गया। बावजूद 29 जुलाई तक न सीमांकन रिपोर्ट जमा हुई है और न ही नक्शा दुरुस्ती पूरी हुई है। युवक का आरोप है कि जिन लोगों ने उनकी भूमि पर अवैध कब्जा किया मधुस्मिता पति ज्योतिष, फकीर कुमार देवता पिता गुणसागर और पार्वती पति शरदचंद्र उनके नाम पर तो ऑनलाइन नक्शा दुरुस्ती कर दी गई। युवक ने सीमांकन टीम, 2 राजस्व निरीक्षक और 5 पटवारियों के द्वारा जो सीमांकन कार्य पूर्ण किया गया है उसकी अंतिम रिपोर्ट और नक्शा जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजस्व निरीक्षक बसना, राकेश साहू का कहना है कि बसना में उपलब्ध पुराने नक्शों पर आरआई, पटवारी, स्क्रीनिंग अधिकारी और भूअभिलेख अधीक्षक के हस्ताक्षर नहीं हैं इसलिए मैं नक्शा दुरुस्त नहीं करूंगा। जबकि सालों से इन्हीं नक्शों पर अन्य लोगों का काम होता आया है और उनके पास 1985 से 86 का प्रमाणित, हस्ताक्षरित नक्शा की सत्यप्रतिलिपि भी उपलब्ध है, फिर भी उनकी फाइल को लटाकाए रखना गलत है।