स्पॉन्सरशिप योजना से संवर रहा बच्चों का भविष्य
कोरबा 22 जुलाई 2025/ जिलों में बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण को सुनिश्चित किए जाने हेतु किशोर न्याय अधिनियम तथा आदर्श नियम के प्रावधान अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से मिशन वात्सल्य (एकीकृत बाल संरक्षण) योजना संचालित है। योजना अंतर्गत विधि से संघर्षरत एवं देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों हेतु राज्य बाल संरक्षण समिति छत्तीसगढ़ के माध्यम से सभी जिलों में संस्थागत एवं गैर संस्थागत सेवाएं उपलब्ध है। जिसके अंतर्गत जिले में किशोर न्याय बोर्ड, बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यरत है। जिले में निवासरत ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता नहीं है। जिन्हें देखरेख एवं संरक्षण तथा पालन पोषण, शिक्षा हेतु विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन बच्चों हेतु शासन की स्पॉन्सरशिप योजना अंतर्गत चार हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ताकि उन बच्चों को बेहतर देखरेख एवं संरक्षण तथा पालन पोषण, शिक्षा प्राप्त हो सके। इस उद्देश्य के परिपालन में कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला बालक कल्याण एवं संरक्षण समिति जिला कोरबा अजीत वसंत के निर्देशानुसार तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेणु प्रकाश, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी गजेन्द्र देव सिंह के मार्गदर्शन में बालक कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्पॉन्सरशिप कमेटी के माध्यम से अब तक 122 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान में उपरोक्त 122 बच्चों को गैर संस्थागत कार्यक्रम अंतर्गत संचालित स्पॉन्सरशिप योजना के माध्यम से उनके पालन पोषण एवं देखरेख, शिक्षा हेतु 04 रुपए प्रतिमाह सीधे उन बच्चों के संरक्षकों के खाते में हस्तांतरित की जा रही है। जिससे उन बच्चों का जीवन व भविष्य संवर रहा है। जिले में ऐसे बच्चे जो देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले है। जिनके माता पिता नहीं है। जिन्हें गैर संस्थागत सेवाओं से जोड़े जाने की आवश्यकता है। ऐसे बच्चों को उक्त योजना से लाभान्वित कराए जाने हेतु कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा दिए गए निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी लोगो से अपील किया गया है कि ऐसे बच्चों को विभाग की इस योजना से जोड़ने हेतु सहयोग करे एवं बच्चों को बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग के समक्ष प्रस्तुत कराए, जिससे उन सभी बच्चों को गैर संस्थागत सेवाओं का लाभ प्राप्त हो सके।