यह दशक केवल योजनाओं का नहीं, भारत के पुनर्जागरण का : रूपकुमारी

महासमुंद। सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि यह दशक केवल योजनाओं का नहीं, भारत के पुनर्जागरण का है। यह वह कालखंड है, जब भारत ने अपने पुनर्जागरण का निश्चय किया। गांव से वैश्विक मंच तक, खेत से कूटनीति तक और रसोई से रणभूमि तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने न केवल नीतियां बनाई, बल्कि उनमें राष्ट्र की आत्मा फूंकी। योजनाएं साधन बनीं और संकल्प बने पथ प्रदर्शक।
भारत की विदेश नीति अब संकोच नहीं, साहस और संतुलन की पहचान है। जी20 की अध्यक्षता से लेकर वैश्विक मंचों पर भारत की मुखरता तक, हमने दुनिया को दिखाया कि भारत केवल सहमति नहीं, दिशा देने वाला राष्ट्र है। भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ नीति अब जलवायु संकट, वैश्विक स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसे विषयों पर अंतरराष्ट्रीय सहमति का केंद्र बिंदु बन चुकी है। भारतीय सेनाएं अब प्रतीक्षा नहीं, प्रत्युत्तर की प्रतीक हैं। सैन्य आधुनिकीकरण से लेकर स्वदेशी हथियार निर्माण तक, देश ने हर मोर्चे पर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। लेकिन इस दशक की एक सबसे भावनात्मक और साहसी गाथा रही।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अद्वितीय नेतृत्व और भारतीय सेना के पराक्रमी शौर्य का ऐसा ऐतिहासिक प्रतीक बना, जिसने न केवल दुश्मन के मंसूबों को चूर-चूर किया, बल्कि पाकिस्तान को घुटनों पर लाकर रख दिया। यह अभियान भारत की सैन्य दक्षता, रणनीतिक कौशल और तकनीकी आत्मनिर्भरता का जीवंत प्रमाण बन गया।