महासमुंद। जिले में मिला कोरोना पाॅज़िटिव एक मरीज

चिकित्सक कर रहे हैं माॅनिटरिंग, मरीज होम आइसोलेशन में
महासमुंद। वैश्विक महामारी कोरोना का नया वेरियंट देश में लोगों को तेजी से संक्रमित करने लगा है। मंगलवार को जिले में एक कोरोना पाॅज़िटिव पहले मरीज पाया गया है। फिलहाल मरीज को होम आइसोलेशन में रखा गया है और उनकी तबीयत पहले से बेहतर बताई जा रही है। बता दें कि कोविड-19 के कहर के बाद लगभग ढाई साल बाद जिले में फिर से एक बार कोरोना के नए वेरियंट के मरीज की पहचान हुई है। जिसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है।
जानकारी के अनुसार मरीज को लंबे समय से सर्दी, खांसी, हाथ-पैर में दर्द एवं बुखार की शिकायत थी जिसके बाद डाक्टरों ने उनमें कोरोना के नए वेरियंट के लक्षण को देखते हुए उनका आरटीपीसीआर जांच कराई जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। कोरोना के प्रभारी चिकित्सक डॉ छत्रपाल चंद्राकर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि मरीज फिलहाल स्वस्थ हैं और चिकित्सकों की निगरानी में है। स्वास्थ्य विभाग ने मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई है जिसकी जांच रिपोर्ट देर शाम तक आने की उम्मीद जताई जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है। हां, पर सावधान रहने की आवश्यकता है।
कोरोना के प्रभारी चिकित्सक डॉ छत्रपाल चंद्राकर ने बताया कि देश में कोरोना के नए वेरियंट को देखते हुए राज्य शासन से मिले निर्देश के बाद से ही लंबे समय से सर्दी, खांसी, हाथ-पैर दर्द एवं बुखार की शिकायत वाले ऐसे व्यक्ति जिनमें कोरोना के सर्वाधिक लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनकी जांच शुरू कर दी गई है। अभी तक 10 लोगों की आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है उनमें से एक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
मरीजों के लिए अस्पताल में छह बेड का आइसोलेशन वार्ड
डॉ. चंद्राकर ने बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट्स एनबी. 1.8.1 व एलएफ.7 की दस्तक और राज्य में इससे संबंधित मामलों के सामने आने के बाद से ही जिला अस्पताल में सर्तकता बढ़ा दी गई है। जिला अस्पताल में 6 बेड का आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन प्लांट और जंबो सिलेंडर तैयार कर लिए गए हैं। हर दिन सर्दी-खांसी और बुखार के लगभग 60-70 मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं। सर्दी-खांसी और बुखार पीड़ितों की यह संख्या सामान्य है, न कि डरावनी। कई लोग मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से भी सर्दी-खांसी और बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा मौसम में बदलाव के समय भी सर्दी-खांसी और बुखार पीड़ितों की संख्या औसतन ज्यादा ही रहती है। लेकिन जिन मरीजों में कोरोना के अधिक लक्षण दिखाई दे रहे हैं अब उनकी जांच भी शुरू कर दी गई है। साथ ही शासन के निर्देश के बाद से ही मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पताल व सभी शासकीय अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स सहित कर्मचारियों को मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।