उपभोक्ताओं को राशन लेने 3 से 6 बार ओटीपी का करना पड़ रहा लंबा इंतजार

हितग्राहियों का मोबाइल नंबर से आधार लिंक न होना भी बना परेशानी का सबब
महासमुंद। उपभोक्ताओं को तीन माह का एक साथ राशन वितरण भी विक्रताओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं को भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। एक हितग्राही को राशन देने में आधे घंटा से ज्यादा का समय लग रहा है। जिसके चलते राशन दुकान के सामने हितग्राहियों की लंबी कतार लगी रहती है। सामान्य राशन कार्ड उपभोक्ताओं को राशन लेने 3 बार और बीपीएल उपभोक्ताओं को 6 बार ओटीपी का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं मोबाइल नंबर आधार से लिंक न होना भी उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे उपभोक्ता और सेल्समेन सहित सहकारी समिति के कर्मचारियों में आए दिन कहा-सुनी की नौबत आ रही है।
शासन के निर्देश पर एक से 30 जून के बीच सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत जून से अगस्त माह तक 3 माह का चावल एक मुस्त उपभोक्ताओं को वितरण किया जाना है। इससे पूर्व जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 553 व शहरी क्षेत्र के 40 कुल 593 उचित मूल्य की दुकानों में 3 माह के चावल भंडारण के निर्देश दिए गए थे। जिससे सेल्समेन सहित सहकारी समिति के कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिले की कई उचित मूल्य की दुकानों में भंडारण की पर्याप्त जगह न होने के कारण उन्हें आसपास के अन्य शासकीय भवनों में चावल रखने की व्यवस्था करनी पड़ी। एक जून से तीन माह का चावल वितरण तो शुरू हो गया लेकिन सेल्समेन सहित कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
चावल वितरण में क्यों हो रही देरी, क्या है समस्या
शासकीय उचित मूल्य के अनेक दुकानों में सुबह से ही उपभोक्ता राशन लेने लंबी कतार लगी रहती है। दुकानों में चावल वितरण में हो रही देरी पर हितग्राही सेल्समेन व कर्मचारियों पर भड़कते हुए देखा जा सकता है। सेल्समेन के मुताबिक उपभोक्ता को तीन माह का चावल एक साथ वितरण किया जा रहा है। वितरण में समस्याएं आ रही हैं। एक हितग्राही को राशन देने में आधे घंटा लग रहा है। राशन दुकानों में राज्य और केंद्र सरकार दोनों के लिए अलग अलग ओटीपी लेनी पड़ती है। हर महीने राशन देने के लिए उपभोक्ताओं से दो बार ओटीपी लेनी पड़ती है। ऐसे में तीन महीने का वितरण करने के लिए एक हितग्राही से 6 बार फिंगरप्रिंट लेना पड़ रहा है। इसके अलावा अभी भी कई उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक नहीं है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के कारण राशन वितरण में काफी लंबा समय लग जाता है। विक्रेताओं का कहना है पहले एक दिन में 70-80 उपभोक्ताओं को चावल वितरण कर देते थे अब बड़ी मुश्किल से 20-25 को ही वितरण हो पा रहा है। यदि साफ्टवेयर में सुधार कर एक ही बार ओटीपी लेकर तीनों माह का राशन वितरण की सुविधा दी जाती तो समय की बचत होती। इससे उपभोक्ताओं को भी घंटों इंतजार नही करना पड़ता।
उपभोक्ताओं को अपनी बारी का करना पड़ रहा लंबा इंतजार
राशन दुकानों में सुबह से पहुंचे उपभोक्ताओं धनीराम टंडन का कहना है सुबह 6 बजे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं लेकिन 11 बजे तक राशन नहीं मिल पाया है। ऐसे ही मजदूर रामू यादव का कहना है तीन दिनों से मजदूरी कार्य छोड़कर राशन लेने आ रहे हैं आज उन्हें राशन मिला है। लक्की सेवई, धनेश्वर जोगी, तुषार ध्रुव आदि ने भी बताया कि लंबे इंतजार के बाद राशन मिल रहा है जिसके कारण काम-धाम छोड़कर यहां अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। कई लोग तो एक-दो दिन तक चक्कर लगा रहे हैं।
जिले में 3.65 लाख से अधिक राशन कार्ड
जानकारी के अनुसार महासमुंद जिले में 3 लाख 65 हजार 766 राशन कार्ड उपभोक्ता हैं। जिसमें 33907 शहरी व 3 लाख 31 हजार 859 ग्रामीण हितग्राही शामिल हैं। कुल राशनकार्डधारी संख्या में अन्तोदय की संख्या 49502, निराश्रित 2159, प्राथमिकता 2 लाख 73 हजार 697, नि : शक्त 1371 और एपीएल कार्डधारियों की संख्या 39037 है। शासन का निर्देश है कि 30 जून तक तीन माह का राशन वितरण करना है । पर, जिस सुस्त गति से वितरण हो रहा है उससे माह अंत तक पूरा हो पाना मुश्किल लग रहा है।
तीन महीने के राशन वितरण में आ रही समस्याओं की शिकायत बहुत से दुकानों से मिल रही है। इसका समाधान शासन स्तर पर ही हो सकता है। 20 जून से जिले की सभी राशन दुकानों में नई पॉस मशीन का वितरण होना है। जिसके बाद राशन वितरण में समय कम हो जाएगी। जिससे उपभोक्ता और सेल्समेन व कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी।
अजय यादव
जिला खाद्य अधिकारी