शासकीय धन के गबन मामले में पुलिस ने 13 साल बाद कर्मचारी को किया गिरफतार

महासमुंद। नगर पालिका परिषद में नियम विरुद्ध ग्रीष्म कालीन में शहर में नागरिकों को पानी सप्लाई के लिए बिना स्वीकृति के 5 ट्रैक्टर की बजाए 11 ट्रैक्टर का कार्यादेश जारी करने और अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग के वाहन में डीजल की अधिक खपत और उसका तय सीमा से अधिक का भुगतान करने के 13 साल पूराने मामले में पुलिस ने पालिका कर्मचारी सीताराम तेलक को गिरफ्तार किया है। इसी सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी ने ट्रैक्टरों का दयक तैयार कर 5 लाख की निविदा बुलाकर 8 लाख से ज्यादा का भुगतान किया था।
इस अपराध में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग, CMO आर. के. डोगरे, इंजीनियर विशाल मिश्रा, डिग्रीलाल ध्रुव और लेखापाल ईश्वरी साहू के खिलाफ तत्कालीन CMO प्रमोद शुक्ला ने 13 साल पहले FIR दर्ज कराई थी। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उच्च न्यायालय के बार बार फटकार के बाद पुलिस प्रशासन जागा और एक को गिरफ्तार किया।
संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन विकास विभाग में तत्कालीन पार्षद रहे पंकज साहू ने नगर पालिका महासमुंद में विभिन्न कार्यों में वित्तीय अनियमितता किए जाने की शिकायत की थीं। संयुक्त संचालक ने जांच के बाद शिकायत सही पाया। संयुक्त संचालक ने 1 मार्च 2012 को सभी दोषी कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने का आदेश दिया। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्योंकि उस दौरान छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थीं और तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग ने भाजपा में प्रवेश कर लिया था। इसके चलते पुलिस भी कार्रवाई करने की बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।
फिर तत्कालीन CMO प्रमोद शुक्ला ने 22 अप्रैल 2013 को शासकीय धन गबन करने के मामले में नगर पालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग, CMO आर. के. डोंगरे, इंजीनियर विशाल मिश्रा, डिग्रीलाल ध्रुव, लेखापाल ईश्वरी साहू और सहायक ग्रेड 3 सीताराम तेलक के खिलाफ सिटी कोतवाली में FIR दर्ज करा दी।
पुलिस ने भी जांच के नाम पर 13 सालों तक मामले को ठंडे बस्ते में डाले रखा। यहां तक कि पुलिस ने दस्तावेज नहीं मिलने का हवाला देकर 2019 में गबन के मामले को खात्मा करने की कोशिश में लगे रहे। लेकिन पूर्व पार्षद पंकज साहू ने पुलिस की संदिग्ध भूमिका और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर पुलिस महानिरीक्षक से शिकायत करते हुए बिलासपुर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय के अवमानना करने पर न्यायालय ने जमकर फटकार लगाई। इस बीच पुलिस महानिरीक्षक रेंज ने भी 22 मई 2023 को महासमुंद एसपी को तत्कालीन एडिशनल एसपी, SDOP, 2 थाना प्रभारी और 2 ASI के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया था। जो अब भी जांच चल रही है।
साल 2010 – 11 के कार्यकाल में नगर पालिका परिषद द्वारा ग्रीष्म ऋतु में सभी वार्डों में पानी सप्लाई के लिए 5 लाख तक का ट्रैक्टर निविदा आमंत्रित किया था। लेकिन अध्यक्ष, CMO सहित कर्मचारियों ने 5 ट्रैक्टर के बजाए 11 ट्रैक्टर से पानी सप्लाई में लगाया था। इसके लिए व्यय सीमा 5 लाख थीं लेकिन मिली भगत कर के 8 लाख से अधिक का भुगतान किया गया। इसी तरह नगर पालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग के वाहन में डीजल की अधिक खपत का भुगतान किया गया। विभिन्न वार्डों में छोटे छोटे मरम्मत और निर्माण कार्य में भुगतान में गड़बड़ी की गई थीं। लेकिन अभी नगर पालिका अध्यक्ष, CMO सहित 5 लोगों की गिरफ्तारी होनी बाकी है।