सीजीपीएससी परीक्षा: हाईकोर्ट ने कहा, नहीं होगा पुनर्मूल्यांकन

बिलासपुर 2 अक्टूबर 2024। सीजीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों में पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर लगाई गई याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। पीएससी के नतीजे घोषित होने के बाद करीब 40 अभ्यर्थियों ने सवालों को लेकर याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की सिंगल बेंच में हुई। जिस परीक्षा को लेकर याचिका लगाई गई थी उसके लिए 29 नवंबर 2023 को विज्ञापन जारी किया था और 11 फरवरी 2024 को प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी, जिसके बाद मॉडल आंसर जारी किए गए थे। दावा आपत्ति के बाद संशोधित मॉडल आंसर जारी किए गए और फिर रिजल्ट आया। पीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए चयनित नहीं हो पाए 40 परीक्षार्थियों ने पांच सवालों को लेकर पीएससी के निर्णय को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके अनुसार संशोधित मॉडल आंसर जारी करने के बाद कुछ प्रश्नों को हटा दिया गया था। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यदि उन प्रश्नों को नहीं हटाया जाता तो वे मुख्य परीक्षा से वंचित नहीं होते। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि किसी विशेष प्रश्न को हटाने से अनुपातिक अंक दिए गए हैं, लेकिन यह उस अभ्यर्थी को दिया जाता है, जिसने उक्त प्रश्न का प्रयास ही नहीं किया या जिसने उक्त प्रश्न का गलत उत्तर दिया है। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि सहानुभूति पुनर्मूल्यांकन के निर्देश देने का आधार नहीं हो सकता। अदालत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि परीक्षार्थी परीक्षा की तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं पर हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि अधिकारी भी परीक्षा आयोजित करने के लिए उतनी ही मेहनत करते हैं।