अंतर्राष्ट्रीय कृषि मेला में भागीदारी से किसान का सपना हुआ साकार
कृषि विभाग की आत्मा योजना राज्य के बाहर शैक्षणिक भ्रमण कर किसान एकांत चंद्राकर एवं विवेक वैष्णव ने अपनाई उन्नत कृषि तकनीक
राजनांदगांव 21 दिसम्बर 2025। जिले के किसानों में नवीनतम तकनीक एवं उन्नत कृषि की ओर रूझान बढ़ा है। छुरिया विकासखण्ड के ग्राम अछोली एवं चांदो के किसान एकांत चन्द्राकर एवं विवेक वैष्णव ने टीवी पर हाईटेक कृषि यंत्रों से खेती करते हुए इजराईल और अन्य देशों के किसानों को देखकर अपने खेतों में भी ऐसे कृषि यंत्रो से उन्नत खेती करने का सपना देखा था, लेकिन बाजार में केवल मांग के अनुसार ही उपलब्ध यंत्रों से उनकी जिज्ञासा शांत नहीं हो रही थी। अपने इसी जिज्ञासा और उन्नत कृषि के सपने को साकार करने के लिए उन्होंने नवम्बर 2025 में कृषि विभाग से संपर्क किया। जिसके बाद विभाग के केन्द्र प्रवर्तित एग्रीकल्चर एक्सटेंशन रिफॉम्र्स (आत्मा) योजना के तहत जिसमें न केवल किसानों को उन्नत कृषि तकनीक का प्रशिक्षण व तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है, बल्कि प्रगतिशील किसानों को देश के अन्य स्थानों में भेजकर नवाचारी कृषि तकनीक से अवगत भी कराया जाता है। इस योजना के तहत ग्राम अछोली एवं चांदो के किसान एकांत चन्द्राकर एवं विवेक वैष्णव को राज्य के बाहर शैक्षणिक भ्रमण हेतु भेजा गया। यह उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उप संचालक कृषि टीकम सिंह ठाकुर ने बताया कि जैसे ही किसानों का आवेदन उन्हें प्राप्त हुआ वैसे ही विभागीय अधिकारियों को राज्य के बाहर आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कृषि मेला फार्म-टेक इंडिया प्रदर्शनी में किसानों को भेजने का कार्यक्रम बनाया गया। जिसके बाद जिले के 6 किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर इंदौर मध्यप्रदेश लाभगंगा एक्जीबिशन सेन्टर में आयोजित मेले में प्रतिभागी बनाकर भेजा गया।
तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मेले में देश-विदेश के उन्नत कृषि यंत्रो का निर्माण करने वाले मल्टीनेशनल कंपनियां अपने यंत्रों की प्रदर्शनी और विशेषज्ञों के साथ उपलब्ध थे। इस मेले में किसान एकांत चंद्राकर एवं विवेक वैष्णव यंत्रों के प्रत्यक्ष अवलोकन एवं विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर किसानों का आत्मविश्वास एवं उत्साह बढ़ा और वे उन्नत कृषि की ओर प्रेरित हुए। शैक्षणिक भ्रमण से वापस आकर किसान एकांत चंन्द्राकर एवं विवेक वैष्णव द्वारा 1 लाख 70 हजार के मशीन-बेड प्लांटर कम सीडर मशीन एवं 1 लाख 50 हजार के हैरो मशीन क्रय किया, जिसके माध्यम से किसानों ने 15 एकड़ में मक्का, 10 एकड़ में गेहूं तथा 17 एकड़ में सरसों की बोआई की है। किसानों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मशीन से बोआई करने से अनावश्यक खर्च से छुटकारा मिला है, साथ ही बीजों के साथ खाद्य को मिलाकर उचित दूरी पर बोआई करने से खरपतवारों का प्रकोप कम हुआ है। किसानों ने बताया कि एक्सटेंशन रिफॉम्र्स (आत्मा) योजना का उनके लिए पुरानी परम्परागत खेती को छोड़कर नवीन उन्नत खेती से जुडऩे तथा उन्नत किसान बनने के उनके सपने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
