स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठंड से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग का दिशा निर्देश
महासमुंद। देश भर के 17 राज्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी ठण्ड महसूस की जा रही है, शीतलहर का मौसम सर्दियों के दौरान नवम्बर से मार्च तक रहता है जिसमें दिसम्बर एवं जनवरी में अधिक ठण्ड रहती है। वर्तमान में चल रहे मौसम को लेकर और आने वाले शीत लहर को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई. नागेश्वर राव द्वारा जिले के आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं भारत मौसम विज्ञान केन्द्र द्वारा अलर्ट जारी किया गया है कि माह दिसंबर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता शीतलहर का रूप लेती है। इस वर्ष भी दिसम्बर माह से ठंड प्रारंभ हो जाएगी जिस संबंध में बचाव हेतु दिशा निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि मौसम संबंधी समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारां को ध्यान से सुने व पढ़े। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहे और कोशिश करे कि अति आवश्यक हो तो बाहर यात्रा करें। पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जूते आदि पहने। शीत लहर के समय चुस्त कपड़े ना पहने यह रक्त संचार को कम करते हैं इसीलिए हल्के ढीले-ढाले एवं सूती बाहर की तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने। नियमित रूप से गर्म पानी पीते रहे। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ अवश्य पीयें।
इसके साथ ही अत्यधिक ठंड के समय दीर्घकालिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज, वृद्ध पुरुष/महिलाएं जिनकी आयु 64 वर्ष से अधिक, 06 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं आदि को ऐसी स्थिति में देखभाल करें। अधिक ठंड पड़ने पर पर्याप्त वेंटिलेशन होने पर ही रूम हीटर का उपयोग सावधानी एवं सतर्कता के साथ करें एवं बंद कमरे गर्म करने के लिए कोयले का उपयोग ना करें क्योंकि यह कोयला जलने पर कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है जिससे किसी की भी मृत्यु हो सकती है। शीत लहर में अधिक ठंड के लंबे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न कर सकती हैं शरीर के अंगों जैसे हाथ पैर की उंगलियों, नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते है यह बहुत खतरनाक है। आपातकालीन समय के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थ, पानी, ईधन, बैटरी चार्जर इमरजेंसी लाईट एवं आवश्यक दवाईयां तैयार रखें। शीतलहर से संबंधित प्राथमिक उपचार हेतु नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
