छत्तीसगढ़ बना जल आत्मनिर्भर राज्य का मॉडल, 42 हजार किसानों को मिली सिंचाई से आत्मनिर्भरता

दुर्ग, 08 नवम्बर 2025। जल ही जीवन, जल ही विकास” और “हर खेत तक पानी – हर किसान के चेहरे पर मुस्कान” के मूलमंत्र पर चलते हुए, छत्तीसगढ़ राज्य के गठन (वर्ष 2000) के बाद तांदुला जल संसाधन संभाग दुर्ग ने बीते 25 वर्षों में सिंचाई विकास, जल संरक्षण, तकनीकी नवाचार और जनकल्याण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और राज्य सरकार की कृषक-केंद्रित नीतियों के परिणामस्वरूप, विभाग ने छत्तीसगढ़ को “जल आत्मनिर्भर राज्य” बनाने की दिशा में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। विभाग की प्राथमिकताएँ स्पष्ट हैं: जल संसाधनों के माध्यम से ‘जल से जनकल्याण’, सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से ‘सिंचाई में समृद्धि’, और आधुनिक कार्यप्रणाली द्वारा ‘तकनीक से पारदर्शिता’ सुनिश्चित करना ही इसका मुख्य ध्येय है।