रसोईयों संघ का चार सूत्रीय मांगों को लेकर 3 को हड़ताल

धरना-प्रदर्शन कर कलेक्टर को सौंपेंगी ज्ञापन
महासमुंद। चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक बार फिर छत्तीसगढ़ मध्याह्न भोजन रसोईया संघ के आह्वान पर जिले के शासकीय स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोईयां तीन नवंबर को हड़ताल पर जाने वाली हैं। इस दिन पटवारी कार्यालय के सामने जिले की रसोईयां एकत्रित होकर धरना-प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगी।
रसोईया संघ की प्रदेश अध्यक्ष नीलू ओगरे ने बताया कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 50 प्रतिशत मानदेय दिए जाने का वायदा किया था। पर तीन साल बीतने जा रहा है पर अभी तक मोदी की गारंटी पर सरकार ने अमल नहीं किया है। इसके अलावा स्कूल से छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या कम होने पर रसोईयों को काम से निकालना बंद किया जाए, ड्रेस कोड दिया जाए और रसोइयों को समय पर वेतन (5 तारीख को) दिए जाने की मांग है। उन्होंने बताया कि इन चार सूत्रीय मांगों के लिए कई बार धरना-प्रदर्शन व हड़ताल किया गया है। हाल ही में जिला मुख्यालय के प्रवास पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से भी मुलाकात कर रसोईया संघ ने ज्ञापन सौंपकर मांगें पूरी करने का अनुरोध किया था। इसके अलावा स्थानीय विधायक व सांसद को भी मांग पत्र सौंपा गया है। पर, हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि जिले में 1750 प्राथमिक स्कूलें हैं जहां 3694 रसोईयां काम करती हैं। सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचकर साफ-सफाई, मध्याह्न भोजन पकाना व बर्तन साफ करने व काम समेटने में दोपहर 3 बज जाता है। इतना काम करने के बाद भी हमारी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
हड़ताल को लेकर बैठक जारी
प्रदेशाध्यक्ष नीलू ओगरे ने बताया कि अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर जिलेभर में बैठक का दौर चल रहा है। रविवार को घोड़ारी में बैठक आयोजित की गयी है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि मांगों को लेकर आगामी 3 नवंबर को जिले की सभी रसोईयां हड़ताल रहेंगी। हड़ताल के दौरान किसी भी स्कूल में मध्याह्न भोजन नहीं बनेगा। जिला मुख्यालय के पटवारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन के बाद रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।