शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु जिले में प्रारंभ हुआ सामाजिक अंकेक्षण अभियान
गरियाबंद 07 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 के अंतर्गत जिले के सभी शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। यह कार्यक्रम 7 एवं 8 अक्टूबर को जिले के समस्त विकासखंडों गरियाबंद, छुरा, मैनपुर, देवभोग एवं फिंगेश्वर के प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी विद्यालयों में संचालित किया जा रहा है। इस सामाजिक अंकेक्षण अभियान का संचालन जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर के निर्देशन तथा जिला मिशन समन्वयक शिवेश कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य विद्यालयों में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। अंकेक्षण के प्रमुख बिंदु अंकेक्षण के दौरान प्रत्येक विद्यालय का मूल्यांकन विभिन्न संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इनमें विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियां एवं सीखने का स्तरशिक्षण प्रक्रिया और कक्षा कक्ष की गुणवत्ता आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता शिक्षक की उपस्थिति एवं उत्तरदायित्व समुदाय और अभिभावकों की सहभागिता इन बिंदुओं पर प्राप्त आंकड़ों के आधार पर विद्यालयों को कमजोर, औसत तथा अच्छे श्रेणी में ग्रेडिंग दी जाएगी। जो विद्यालय अपेक्षित गुणवत्ता से नीचे पाए जाएंगे, उनके सुधार के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर अमल किया जाएगा। विभागीय एवं सामुदायिक सहभागिता इस अभियान में केवल शिक्षा विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, एवं समुदाय के सदस्य भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इससे अंकेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी एवं समाज की भागीदारी सुनिश्चित होगी। सामाजिक अंकेक्षण की रूपरेखा एससीईआरटी, डीपीआई और समग्र शिक्षा द्वारा निर्धारित बिंदुओं के अनुसार तैयार की गई है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा विशेष टूल्स और प्रपत्र विकसित किए गए हैं, जिनके माध्यम से विद्यालय का आकलन किया जा रहा है। प्रशिक्षण एवं तैयारी पूर्ण अंकेक्षण कार्य की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने हेतु जिले के सभी संकुल प्राचार्यों, संकुल समन्वयकों, संस्था प्रमुखों एवं शिक्षकों को पूर्व में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। जिला मिशन समन्वयक द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं, ताकि दो दिवसीय यह अभियान सुचारू रूप से संचालित हो सके। अंकेक्षण पूर्ण होने के पश्चात् समस्त आंकड़ों का संकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। विद्यालयवार रिपोर्ट तैयार कर जिला स्तर पर समीक्षा की जाएगी, जिससे भविष्य में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के ठोस कदम उठाए जा सकें। जिले में चल रहा यह सामाजिक अंकेक्षण अभियान शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, साझेदारी आधारित शिक्षण संस्कृति तथा उत्तरदायित्वपूर्ण शिक्षा व्यवस्था की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में देखा जा रहा है।