सियान वो छांव हैं, जिसमें परिवार सुरक्षित रहता है : गजेन्द्र यादव

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर मंत्री ने वरिष्ठजनों को किया सम्मानित
दुर्ग, 01 अक्टूबर 2025 / अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर वरिष्ठजन सम्मान समारोह का आयोजन आज नगर के स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया। मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने वरिष्ठजनों को शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया।
मंत्री श्री यादव ने सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो जीवन है वह अमूल्य है। घर में संस्कार देने का कार्य अगर कोई करता है, तो वह हमारे सियान (बुजुर्ग) करते हैं। वे ही घर की छांव हैं, जिनके साये में परिवार सुरक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर माता-पिता, भाई-बहन, बच्चों और नौकरी की जिम्मेदारियों में इतना उलझ जाते हैं। ऐसे में बुजुर्गों के साथ समय बिताना, उनकी बात सुनना और उन्हें सम्मान देना, सबसे बड़ा संस्कार भूल जाते हैं। मंत्री श्री यादव ने कहा कि जब भी वरिष्ठजनों के केंद्रों की जरूरत सामने आएगी, वहां हर संभव आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा जिंदगी जिंदादिली का दूसरा नाम है, इसे हमेशा मुस्कुराते हुए जीना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर मंत्री गजेन्द्र यादव ने प्रेरणादायक गीत-’छईया भुईया ला छोड़ जवैया, तैं थिराबे कहॉ रे। पंछी उड़थे अगास, करथे बिरछा हमार’, का गायन कर उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर मंत्री गजेन्द्र यादव ने वरिष्ठ विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा को भी शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
विधायक श्री कोर्सेवाड़ा ने कहा कि सियान (वृद्धजनों) का अनुभव और उनके दिए हुए संस्कार ही आने वाली पीढ़ियों के मार्गदर्शक हैं। आज राज्य प्रगति की राह पर अग्रसर हैं, ऐसे समय में बुजुर्गों की बची हुई उम्र को समाज सेवा जैसे पुण्य कार्यों में लगाना चाहिए। इससे न केवल समाज को लाभ मिलेगा, बल्कि बुजुर्गों का समय भी सार्थकता के साथ व्यतीत होगा। हमारी संस्कृति, हमारी भाषा और हमारी बोली को जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है। यही हमारी पहचान है और इसे हमें सहेजकर अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि बुजुर्गों का आशीर्वाद जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है। भारत की संस्कृति और सभ्यता का मूल आधार ही बड़ों का सम्मान करना है। बुजुर्गों के अनुभव और जीवन के त्याग से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है, जो हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को दिशा देता है। जब हमें वरिष्ठों का आशीर्वाद मिलता है, तब कोई भी कार्य बड़ा या कठिन नहीं लगता। वरिष्ठजनों से सीखी बातें अगर हम अपने जीवन में आत्मसात कर लें, तो हमारा जीवन सफल और संस्कारपूर्ण बन सकता है।
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि वृद्धावस्था एक ऐसा समय होता है जब व्यक्ति चिंता मुक्त होकर जीवन जी सकता है, ठीक वैसे ही जैसे बाल्यावस्था में कोई तनाव नहीं होता। वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को सराहते हुए कहा कि सभी वरिष्ठजनों ने अपने जीवन में समाज के उत्थान और मार्गदर्शन के लिए कार्य किया है। इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग के उपंसचालक ए.पी.गौतम एवं विभागीय अधिकारीगण तथा जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कुलेश्वरी देवांगन, प्रिया साहू व अन्य जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठजन (बुजुर्ग) उपस्थित थे।