चंद्रनाहू शिक्षण समिति ने किया स्व.पुरुषोत्तम कौशिक का स्मरण

महासमुंद। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं छत्तीसगढ़ चंद्रनाहू शिक्षण समिति के संस्थापक स्व. पुरुषोत्तम लाल कौशिक की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। शिक्षण समिति परिसर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके द्वारा किए गए समाज व देश हित के कार्यों का स्मरण किया गया। इस दौरान प्रमुख रूप से छग बीज विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, भाजपा जिलाध्यक्ष येतराम साहू, वरिष्ठ समाजवादी नेता दाऊलाल चंद्राकर, चंद्रनाहू शिक्षण समिति के अध्यक्ष राहुल चंद्राकर, उपाध्यक्ष चंद्रपाल चंद्राकर, पूर्व सचिव द्वारिका प्रसाद चंद्राकर, संचालक तारिणी चंद्राकर, हर्षित चंद्राकर, जनपद सदस्य संगीता चंद्राकर, पंकज चंद्राकर, गिरजाशंकर चंद्राकर, भूपेंद्र चंद्राकर, धर्मेंद्र चंद्राकर आदि नागरिकों सहित संस्था के शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित थे।
श्री कौशिक का स्मरण करते हुए उपस्थितजनों ने कहा कि पुरुषोत्तम कौशिक की जीवन की दो प्रमुख प्राथमिकताएं रहीं। पहली किसान, किसानी और गांव की आवाज बुलंद करना तथा दूसरी समाजवादी आंदोलन को मजबूत बनाना। वे चाहे विधायक रहे हों या सांसद या केंद्रीय मंत्री, उनकी प्राथमिकताएं कभी नहीं बदली। जिस समाजवादी विचार के साथ वे सार्वजनिक जीवन में आए थे, उसी विचार को उन्होंने जीया। आम तौर पर जो एक बार सांसद बन जाता है, केंद्रीय मंत्री बन जाता है, वह केंद्रीय राजनीति नहीं छोड़ता, लेकिन उन्होंने कभी दिल्ली से मोह नहीं पाला। उन्हें छत्तीसगढ़िया होने पर गर्व था। उनकी जीवन शैली छत्तीसगढ़िया संस्कृति में रची बसी रही। जो परिवर्तन की राजनीति करना चाहते हैं उन्हें पुरुषोत्तम कौशिक का जीवन सदा प्रेरणा देता रहेगा। लोभ, लालच सत्ता की धमक और चमक से प्रभावित हुए बिना, बिना कोई सैद्धांतिक समझौते के उन्होंने जीवन जीकर सादा जीवन उच्च विचार का परिचय दिया।