स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल में मनाया गया संस्कृत दिवस

महासमुंद। स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल में संस्कृत भाषा सप्ताह के अंतर्गत संस्कृत दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संकुल केंद्र सोरिद के प्राचार्य सुखेंद्र द्विवेदी, सेजेस नयापारा के प्राचार्य अमी रूफस, राज्यपाल पुरस्कार से पुरस्कृत व्याख्याता प्रमोद कुमार कन्नौजे, सेजेस हिंदी माध्यम के प्रभारी केआर सागर, जीआर टांडेकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर संस्कृत में प्रार्थना के साथ किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने आकर्षक पोस्टर बनाकर संस्कृत दिवस की महत्ता का संदेश दिया। विद्यार्थियों ने संस्कृत में भाषण, गीत एवं श्लोक का सस्वर वाचन किया। स्वामी आत्मानंद के प्राचार्य अमी रूफस ने कहा कि संस्कृत प्राचीनतम भाषा है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। हमारा देश संस्कृत भाषा का देश है। आज कल के विद्यार्थी संस्कृत भाषा में रूचि नहीं ले रहे हैं, ऐसा नहीं है कि संस्कृत भाषा पढ़ने से आगे भविष्य नहीं है। उन्होंने संस्कृत भाषा की महत्ता को उदाहरण सहित समझाते हुए बताया कि पढ़ाई के दौरान उनकी सहेली जिन्होंने संस्कृत भाषा का अध्ययन किया और कुछ ही समय में अपने संस्कृत के एचओडी बन गईं। आज भी बहुत सारे विभाग ऐसे हैं, जिनमें संस्कृत का पद रिक्त रह जाता है। हमें आवश्यकता है कि संस्कृत भाषा को बढ़ाने के लिए हम प्रयास करें। उन्होंने कहा कि संस्कृत का दिवस मनाने की आवश्कता पड़ रही है। संकुल प्राचार्य सुखेंद्र द्विवेदी ने भी संस्कृत भाषा की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत क्यों, संस्कृत किस लिए, संस्कृत में क्या है, और संस्कृत के अपनाने से क्या लाभ होता है इस बात की महत्ता विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि संस्कृत का एक-एक शब्द हमारे और आपके जीवन से जुड़ा हुआ है। संस्कृत देवों की भाषा है, हमारे प्राचीन ग्रंथ गीता, महाभारत, रामायण वेद सभी संस्कृत भाषाओं में उपलब्ध है। संस्कृत को वैज्ञानिकता से जोड़ते हुए कहा कि विज्ञान में भी हमारे संस्कृत के ज्ञाताओं को बड़ा योगदान है। प्रमोद कुमार कन्नौजे ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा है। हमारे प्राचीनतम संस्कृत भाषा के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार-प्रसार से जुड़ा हुआ है। संस्कृत भाषा का संरक्षण विद्यार्थियों और समाज में संस्कृत के प्रति रूचि जागृत कर इस देवों की भाषा को जीवित रखना है। उन्होंने कहा कि संस्कृत श्लोकों, कहानियों, नाट्य, गीत, और भाषणों के माध्यम से भारत की गौरवशाली संस्कृति का अनुभव कराना। केआर सागर ने संस्कृति और संस्कृत को जीवन में अपनाने की बात कही। कार्यक्रम का समापन संस्कृत प्रार्थना के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन बारी-बारी से सुखेंद्र द्विवेदी एवं प्रमोद कुमार कन्नौजे ने किया। कार्यक्रम में शासकीय हाई स्कूल सोरिद, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम एवं सेजेस नयापारा के छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी।