धरती आबा‘ अभियान, मेंहंदी, रंगोली, चित्रकारी से जनजातीय समाज में जागरूकता की नई पहल
कोरिया 30 जून 2025। धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान’ को लेकर जनजातीय समाज में उत्साह और सक्रियता का माहौल है। जून से प्रारंभ हुआ यह अभियान, कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देश और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को शासन की प्रमुख योजनाओं से जोड़कर उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। जिले के 154 गांवों में विशेष शिविरों के माध्यम से 17 विभागों की 25 योजनाओं का लाभ लोगों को प्रदान किया जा रहा है।
अभियान की सबसे खास बात यह है कि जनजातीय युवा मेंहदी, रंगोली और दीवार चित्रकारी जैसे पारंपरिक माध्यमों से समाज में जागरूकता फैला रही हैं। सोनहत और बैकुंठपुर विकासखंडों के गांवों में महिलाएं घर-घर जाकर सजावट के साथ-साथ योजनाओं की जानकारी भी दे रही हैं। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी प्रचार कर रहे हैं। एक पेड़ माँ के नाम वृक्षारोपण किया जा रहा है। यह दृश्य न केवल मन को भाता है, बल्कि समाज को एकजुटता और सशक्तिकरण की ओर प्रेरित भी करता है।
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने जानकारी दी कि शिविरों के माध्यम से बच्चों के लिए जाति प्रमाण पत्र, बेटियों के नाम सुकन्या समृद्धि योजना अंतर्गत खाता खोलना, युवाओं के लिए मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, श्रमिक कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, सरकारी योजनाओं की ऑन-द-स्पॉट जानकारी और सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैं।
कलेक्टर ने कहा कि शासन की मंशा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचे और यह अभियान उसी दिशा में एक ठोस कदम है। यह अभियान 15 जुलाई 2025 तक लगातार जारी रहेगा। अभियान के दौरान गांवों में जनभागीदारी, नारी सहभागिता और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रभावी उदाहरण देखने को मिल रहा है। धरती आबा‘ अभियान न केवल सरकारी योजनाओं की पहुँच बढ़ा रहा है, बल्कि कला, संस्कृति और जनजागरूकता के मेल से जनजातीय समाज में आत्मविश्वास और भागीदारी की भावना को मजबूत कर रहा है। कोरिया जिले का यह मॉडल निश्चित रूप से राज्य के अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायी बनेगा।