कवि डॉ. सुरेन्द्र दुबे को दी गई श्रद्घांजलि

महासमुंद 28 जून 2025। हास्य व्यंग्य कविताओं के कुशल चितेरे, सुप्रसिद्घ कवि पदमश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर स्थानीय साहित्य समिति आस्था के सदस्यों ने गहरा शोक व्यक्त कर संवेदना प्रकट की है। संवेदना सभा में सदस्यों ने उनके सरल, सहज हंसमुख स्वभाव के साथ उनके व्यक्तित्व तथा साहित्यिक योगदान की चर्चा की। समिति अध्यक्ष आनंद तिवारी ‘पौराणिक’ ने कहा कि उनका न होना, हास्य व्यंग्य साहित्य में बड़ी क्षति है। उनका सानिध्य मुझे दो बार प्राप्त हुआ। एस चंद्रसेन ने कहा कि डॉ. सुरेंद्र दुबे, छत्तीसगढ़ी व हिन्दी के हास्य व्यंग्य कवि थे। सभा में डॉ. साधना कसार, सरिता तिवारी, केआर चंद्राकर, सुरेंद्र अग्निहोत्री, कमलेश पांडेय तथा टेकराम सेन उपस्थित थे।
कवि सम्मेलनों के लोकप्रिय कवि और राष्ट्रीय मंचों में छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि कवि डॉ सुरेन्द्र दुबे का आकस्मिक निधन को अत्यंत दुखद बताते हुए कवि, व्यंग्यकार एवं साहित्यकार ईश्वर शर्मा, अशोक शर्मा ने कहा कि कुछ आंचलिक सम्मेलनों में उनके साथ रचना पाठ का अवसर मिला। दुबे जी को शामिल करते हुए तीन-चार सम्मेलनों का संयोजन भी करने का मौका मिला है। अपने वाक चातुर्य और जिंदादिली से वे सहज ही श्रोताओं को अपनी रचनाओं से जोड़ लेते थे। आंचलिक भाषा, मुहावरों पर उनकी पकड़ और तात्कालिक टिप्पणियों की महारत ने उन्हें बहुत लोकप्रिय बनाया।