211 साल पुरानी प्रायमरी स्कूल के अस्तित्व को मिटाने के विरोध में कांग्रेसियों ने स्कूल गेट पर जड़ा ताला

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कांग्रेस का आरोप युक्तियुक्तकरण की आड़ में भाजपा सरकार बच्चों के भविष्य कर रहीं हैं खिलवाड़
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम खट्टी में 211 साल पुरानी ऐतिहासिक शासकीय प्राथमिक शाला को सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2005 में बने शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में मर्ज किए जाने के विरोध में पूर्व विधायक समेत कांग्रेसियों ने बच्चों को छुट्टी देकर गेट पर ताला जड़ दिया। और मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन करते रहे। कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत खट्टी में गर्मी छुट्टी के बाद सोमवार को शासकीय प्राथमिक शाला जो अंग्रेजी हुकूमत के दौरान सन 1814 में स्थापित एक ऐतिहासिक महत्व वाला स्कूल है। इस स्कूल को युक्तियुक्तकरण के तहत शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में मर्ज किए जाने के विरोध में पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर समेत कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने स्कूल गेट के सामने धरने पर बैठ गए।
पूर्व विधायक श्री चंद्राकर ने बताया कि ग्राम खट्टी के प्रायमरी स्कूल का स्थापना ब्रिटिश शासनकाल के दौरान वर्ष 1814 में हुआ है। इस स्कूल से अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने प्राथमिक शिक्षा हासिल की है। स्कूल स्थापना के बाद खट्टी सहित क्षेत्र के 40 ग्रामों के छात्र यहां अध्ययन करने आते थे। स्कूल की ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए 1999 में इस स्कूल का शताब्दी वर्ष मनाने के लिए शासन ने 50 हजार रुपए दिए थे। साथ ही इस स्कूल के ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए शासन ने इसे ऐतिहासिक धरोहर मानकर 4.95 लाख रुपए अनुदान स्वरूप प्रदान किया था। ताकि स्कूल का संरक्षण बेहतर तरीके से हो सके। ऐसे ऐतिहासिक स्कूल को किस आधार पर 2005 में शुरू हुए कन्या शाला के साथ मर्ज किया जा रहा है। दूसरी ओर प्रायमरी स्कूल की दर्ज संख्या वर्तमान में 206 हैं जबकि कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में मात्र 115 बच्चे अध्यनरत हैं। प्रशासन ने किस आधार पर इस शाला को मर्ज किया स्पष्ट करें। उन्होंने बताया कि युक्तियुक्तकरण नियम के कंडिका क्रमांक 6 में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी ऐतिहासिक, पुरातन मान्यताओं से जुड़े स्कूलों को मर्ज नहीं किया जाए। लेकिन भाजपा सरकार ऐतिहासिक महत्व के धरोहरों को मिटाने पर तुली है। इससे भाजपा सरकार के दोहरा चरित्र को दर्शाता है, इससे भाजपा सरकार की कथनी और करनी में फर्क स्पष्ट नजर आ रहा है। नियमों की अनदेखी कर ऐतिहासिक स्कूल को मर्ज किया गया तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। सरकार की गलत नीति, मनमानीपूर्ण कार्रवाई, तानाशाही रवैए के विरोध में उग्र आंदोलन किया जाएगा। धरना-प्रदर्शन के सूचना मिलते ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी लीलाधर सिन्हा और संकुल प्रभारी जागेश्वर सिन्हा धरना स्थल पहुंचे। बीईओ धरना स्थल पर पूर्व विधायक के सामने नीचे बैठ कर चर्चा की। पूर्व विधायक ने बीईओ से 211 साल पुरानी ऐतिहासिक स्कूल के अस्तित्व को मिटाने के सवाल किया लेकिन बीईओ सिन्हा जवाब विहिन नज़र आए। स्कूल के मुख्य दरवाजे के सामने बैठे पूर्व विधायक, संजय शर्मा, दाऊलाल चंद्राकर, हीरा बंजारे,अमन चंद्राकर, ढेलू निषाद, अन्नू चंद्राकर, पार्षद सूरज नायक, पूर्व पार्षद बबलू हरपाल, नितेश बैनर्जी, सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।