स्वामी आत्मानंद स्कूल में शाला प्रवेशोत्सव, कलेक्टर ने आदर्श शैक्षणिक वातावरण बनाने शिक्षकों को दी सलाह
दंतेवाड़ा, 16 जून 2025। आंवराभाटा स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम हाई स्कूल में शाला प्रवेशोत्सव गरिमापूर्ण एवं उत्साह से मनाया गया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, उपाध्यक्ष गुप्त कैलाश मिश्रा, कलेक्टर कुणाल दुदावत, जिला पंचायत सीईओ जयंत नाहटा, सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पायल गुप्ता, ने अपने संबोधन में कहा कि 2 महिनों के ग्रीष्मावकाश के पश्चात आज 16 जून से समस्त शालाओं के पट खुल गए है। अतः बच्चे सबसे पहले अपने नई कक्षाओं के नये सिलेबस को अच्छी तरह से समझ कर अपने शिक्षकों से चर्चा कर लें। जिससे उन्हें शुरुआती दौर की पढ़ाई में दिक्कत नहीं आएगी। इस नये शैक्षणिक सत्र में वे पढ़ाई को प्राथमिकता देते हुए अन्य अतिरिक्त शालेय गतिविधियों से भी जुड़े। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इस शालेय संस्थान के बच्चे पढ़ाई से लेकर खेल कुद तक हर क्षेत्र में अपने जिले का नाम रोशन करेगें।
कलेक्टर कुणाल दुदावत ने अपने संबोधन में बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शाला प्रवेशोत्सव के प्रथम दिवस समग्र जिला प्रशासन नवप्रवेशी बच्चों का तहे दिल से स्वागत कर रहा है। उन्होंने बच्चों से अनुरोध किया कि वे वर्ष भर नियमित रूप से शाला में उपस्थिति दर्ज करें उन्होंने बच्चों के पालकों से भी बच्चों को षत प्रतिषत शाला में उपस्थिति हेतु प्रोत्साहित करने का अपील करते हुए कहा कि वे गतवर्ष 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणाम जिले के लिए उत्साहवर्धक थे और इस रिकॉर्ड उपलब्धि को बरकरार रखने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आगे भी बेहतर रणनीति अपनाई जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन की पहल ’’पढे दंतेवाड़ा लिखे दन्तेवाड़ा’’ एवं बाल मित्र योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रशासन जिले को शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि पूरे राज्य में जिले का नाम शिक्षा के क्षेत्र में रोशन हुआ है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि न्यौता भोज जैसे आयोजन में सहभागी बन कर बच्चों को एक उत्कृष्ट शैक्षणिक माहौल देने में योगदान दे सकते है। अंत में उन्होंने बच्चों से कहा कि वे ’’एक पौधा मां के नाम’’ के तहत अपने शाला परिसर में पौधारोपण करके इस अभियान को सार्थक बनाए।
इस दौरान जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों को समझाइश दिया कि वे पढ़ाई के शुरुआती महीनों में ही अपने-अपने विषय संबंधित शंका समाधान शिक्षकों से करना प्रारंभ कर देवें इससे उन्हें अपने अध्ययन को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे प्रत्येक छात्र कों प्राथमिकता देते हुए विषयों को यथा संभव रूचिकर बनाते हुए अध्ययन कराएं। उन्होंने आगे कहा कि विगत सत्र में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के शानदार परीक्षा परिणामों ने यह साबित कर दिया कि जिले के छात्रों की प्रतिभा किसी से कम नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के व्यक्तित्व विकास हेतु पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भी भागीदारी करने की आवश्यकता पर बल दिया।