तेंदूपत्ता संचालक मंडल का निर्णय, संग्रहण करने वाले परिवार के बच्चों के लिए पूरी तरह दोषपूर्ण: प्रमोद चंद्राकर

ग्रामीण व वनांचलों के छात्र शिक्षा सुविधाओं के अभाव में 75 से 90 प्रतिशत अंक लाना बड़ी उपलब्धि
महासमुंद। जिला लघु वनोपज सहकारी संघ महासमुंद जिलाध्यक्ष प्रमोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि राज्य संघ द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के बच्चों (छात्र-छात्राओं) के लिए संचालित मेधावी, प्रतिभाशाली, व्यावसायिक एवं गैर व्यावसायिक शिक्षा प्रोत्साहन योजना का वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रतिभाशाली शिक्षा अनुदान राशि भुगतान के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक के स्थान पर 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले को लाभ दिये जाने का निर्णय संघ मुख्यालय के संचालक मंडल द्वारा लिया गया है, जो कि पूर्णतः दोषपूर्ण है। लिये गये फैसले किसी भी दृष्टि से तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित में न्याय संगत नहीं है। तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार ज्यादातर ग्रामीणों एवं वनांचल क्षेत्रों में रहते है जहां शिक्षा सुविधाएं बहुत ही सीमित है। ऐसे में 75 प्रतिशत अंक लाना भी उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होती थी, लेकिन राज्य वनोपज संघ के मनोनीत संचालक सदस्यों के द्वारा 90 प्रतिशत की अंक वृध्दि ने छात्रवृत्ति को लगभग उन ग्रामीण वनांचलों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को लाभांवित होने से वंचित कर दिया है। वन विभाग में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी के बच्चे भी 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने में असमर्थ हो जाते है, जबकि सारी सुविधाओं में परवरिश और अच्छे स्कूलों में अध्ययनरत होते है। श्री चंद्राकर ने कहा ऐसे निर्देश को तत्काल निरस्त कर पुनः 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को शिक्षा अनुदान योजनांतर्गत पात्र किये जाने के लिए तत्काल निर्देश जारी करने की मांग की है।