सुरक्षित मातृत्व की ओर बढ़ते कदम

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान से महिलाओं को मिल रहा लाभ
दंतेवाड़ा, 10 जून 2025। जिले में गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच लगातार बेहतर हो रही है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत दंतेवाड़ा जिले में गर्भवती माताओं के लिए विशेष प्रसव पूर्व जांच शिविरों का आयोजन किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य सभी पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की समय रहते गुणवत्तापूर्ण जांच कर संभावित जटिलताओं की पहचान करना और उन्हें सुरक्षित प्रसव हेतु तैयार करना है।
राज्य शासन के दिशा-निर्देशों एवं कलेक्टर कुणाल दुदावत के मार्गदर्शन के अनुरूप जिले की सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला अस्पतालों में यह अभियान सघन रूप से संचालित हो रहा है। अभियान के अंतर्गत विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों से आई महिलाओं को भी समुचित जांच और देखभाल दी जा रही है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय रामटेके ने जानकारी दी कि 9 जून 2025 तक पीएमएसएमए के तहत जिले में कुल 4,555 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन हुआ है। इनमें से दो हजार से अधिक महिलाएं अब तक विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में जांच हेतु पहुंच चुकी हैं।विशेष रूप से 721 उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं (एचआरपी ) की पहचान की गई है, जिनमें से 580 महिलाओं को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। इनमें से 378 से अधिक महिलाओं को सोनोग्राफी जैसी विशेष जांच सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं, जो जिला अस्पताल एमसीएच गीदम एवं केंद्रीय अस्पताल किरंदुल में दी जा रही हैं। इसके साथ ही जांच शिविरों में गर्भवती माताओं को हीमोग्लोबिन, सिकलिंग, ब्लड शुगर, एल्बुमिन, बीपी, यूरिन टेस्ट,मलेरिया,एचईवी , हेपेटाइटिस-बी, वीडीआरएल जैसी आवश्यक जांचें, टीडी के टीके एवं आवश्यक उपचार एवं पोषण, परिवार नियोजन एवं सुरक्षित प्रसव के लिए परामर्श इन शिविरों के माध्यम से न केवल माताओं को समय पर जांच और उपचार मिल रहा है, बल्कि मातृ-मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में भी अहम कदम उठाया गया है। अभियान को और प्रभावशाली बनाने हेतु 102 एंबुलेंस सेवाओं एवं अन्य संस्थागत वाहनों का भी सक्रिय उपयोग किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाया जा सके।जिले में पीएमएसएमए अभियान के माध्यम से मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक सुव्यवस्थित कार्य योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। यह पहल माताओं और नवजातों के स्वास्थ्य की दिशा में एक सशक्त एवं प्रभावी प्रयास है।