राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम : कलेक्टर ने ली जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक

कोण्डागांव,10 जून 2025/ कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना की अध्यक्षता में मंगलवार को राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। साथ ही जिले में कोटपा 2003 के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जा कर समस्त सार्वजनिक स्थानों तथा समस्त शैक्षणिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त घोषित किये जाने निर्देश दिये गये। जिले में शैक्षणिक संस्थाओं के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री को प्रतिबंधित किये जाने हेतु नगरीय प्रशासन विभाग के माध्यम से कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिले में तम्बाकू नियंत्रण कानूनों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए तथा जिले में संचालित सभी तम्बाकू उत्पाद निर्माता कंपनियाँ कोटपा अधिनियम के सभी प्रावधानों का कड़ाई से पालन करें। इस हेतु समय-समय पर जिला स्तरीय प्रवर्तन दल के माध्यम से निगरानी करते हुये उल्लंघन पाये जाने पर कार्यवाही की जा रही है। इस बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, संभागीय समन्वयक ब्लूमबर्ग परियोजना सहित समस्त जिला अधिकारी उपस्थित हुये।
स्वास्थ्य चेतावनी नियमों की अनदेखी पर जिले के तम्बाकू कंपनियों को नोटिस जारी
कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना द्वारा कोण्डागांव में संचालित तम्बाकू कंपनियों को सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 की धारा 7 के उल्लंघन के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्यवाही जिले में संचालित तम्बाकू उत्पाद निर्माताओं द्वारा पैकेजिंग पर वैधानिक चेतावनी संबंधी प्रावधानों के पालन न करने के कारण की गई है। कोटपा 2003 की धारा 7 के अंतर्गत यह अनिवार्य है कि सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेटों पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग) द्वारा निर्धारित स्वास्थ्य चेतावनी चित्रात्मक एवं लिखित रूप में निर्धारित प्रारूप, रंग, आकार और अनुपात में स्पष्ट रूप से मुद्रित हो। इन तंबाकू कंपनियों द्वारा उत्पादित तम्बाकू के पैकेटों में निर्धारित स्वास्थ्य चेतावनियाँ नहीं होती और यदि होती हैं तो अपूर्ण, अस्पष्ट एवं मानक के अनुरूप नहीं हैं, जो कि उपरोक्त अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। यदि निर्धारित समयावधि में कंपनी द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, तो आगे की विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।