छिंदनार बना स्वच्छता का मॉडल गाँव, यूनिसेफ ने की डॉक्यूमेंट्री शूटिंग
दंतेवाड़ा, 16 मई 2025। दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड के दूरस्थ ग्राम पंचायत छिंदनार में स्वच्छता की दिशा में हो रहे नवाचार अब राष्ट्रीय पहचान की ओर अग्रसर हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दंतेवाड़ा जयंत नाहटा के मार्गदर्शन में यूनिसेफ इंडिया की टीम दिल्ली से छिंदनार पहुँची, जहाँ गांव की स्वच्छता पहल पर एक प्रेरणादायक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग की गई। इंद्रावती नदी के किनारे बसे इस आदिवासी ग्राम ने स्वच्छता में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए खुद को एक मॉडल ग्राम के रूप में स्थापित करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। ग्राम सरपंच श्रीमती संध्या शुक्ला, पंचायत सचिव गोदरू राम इस्ताम और ग्राम वासियों के सामूहिक प्रयासों से गांव में नियमित कचरा संग्रहण, गीले-सूखे कचरे का पृथक्करण, नालियों का निर्माण और हैंडपंपों के पास सोक पिट जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं स्थापित की गई हैं।
कबाड़ से बना ‘स्वच्छता गार्डन’ बना आकर्षण का केंद्र
पंचायत भवन के पास कबाड़ से तैयार किया गया स्वच्छता गार्डन इस पहल का विशेष आकर्षण है, जहाँ विभिन्न सरकारी योजनाओं को रचनात्मक मॉडल के रूप में दर्शाया गया है। यह न केवल ग्रामीणों की कल्पनाशीलता को प्रदर्शित करता है, बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी फैलाता है। गांव में नाडेप विधि से जैविक खाद निर्माण एवं कचरा प्रबंधन की स्थानीय प्रणाली भी पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दे रही है।
यूनिसेफ टीम ने किया संवाद और निरीक्षण
यूनिसेफ इंडिया से श्रीमती प्रतिभा सिंग और जल एवं स्वच्छता विशेषज्ञ श्रीमती श्वेता पटनायक ने ग्राम भ्रमण किया तथा स्वच्छता दीदियों, जल बाहिनी और पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद किया। इसके साथ ही बाजारपारा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के साथ स्वच्छता, पोषण और स्वास्थ्य पर संवाद सत्र का आयोजन भी हुआ।
स्वच्छता की इस प्रेरणादायक यात्रा को मिलेगा राष्ट्रीय मंच
आयोजन का संचालन जिला समन्वयक, जल एवं स्वच्छता कार्यक्रम सुरेश कुमार अनंत द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिला समन्वयक शिल्पी शुक्ला, अंकिता सिंग सहित महिला स्व-सहायता समूहों, जल बाहिनी, पंच-उपसरपंच, पंचायत सचिव और सैकड़ों ग्राम वासियों की सक्रिय भागीदारी रही। छिंदनार पंचायत की यह पहल दर्शाती है कि प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधि और समुदाय के समन्वित प्रयासों से सुदूरवर्ती गांव भी स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मिसाल बन सकते हैं। यूनिसेफ द्वारा बनाई जा रही डॉक्यूमेंट्री इसी सफलता गाथा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का प्रयास है।