जिला स्तरीय परामर्शदात्री की बैठक, राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक के संभाव्यता युक्त ऋण योजना पुस्तिका का कलेक्टर ने किया विमोचन

दंतेवाड़ा, 27 जनवरी 2025। जिला कार्यालय के शंकर सभा कक्ष में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की जिला स्तरीय परामर्शदात्री की बैठक कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी की अध्यक्षता में हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में आगामी वित्तीय के लिए जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना पर आधारित पुस्तिका का विमोचन कलेक्टर द्वारा किया गया। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक के प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र मे ऋण वितरण के दिशा निर्देशों के अनुसार कृषि ऋण, कृषि अधोसंरचना, कृषि सहायक गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, शिक्षा, आवास नवीनीकरण, ऊर्जा आदि हेतु 298.19 करोड़ रुपये की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना नाबार्ड द्वारा तैयार की गयी है। बैठक में कलेक्टर ने कार्य योजना तैयार करने हेतु नाबार्ड की सराहना की। तथा उन्होने आगे कहा कि सभी बैंक लंबित ऋण प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाए। इसके लिए परस्पर विभागीय समन्वय के आधार पर निराकरण में आ रही कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही बैठक में उन्होंने संबंधित विभागों के किसान क्रेडिट कार्ड, स्वरोजगार, प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना, मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत एवं लंबित प्रकरणों की गहन समीक्षा करते हुए सभी विभागो और बैंकों से कार्य योजना मे इंगित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु निर्देशित किया। इस दौरान नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक (जिला विकास) ने बताया की संभाव्यता युक्त ऋण योजना दस्तावेज मे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों मे उपलब्ध भौतिक संभाव्यता का बैंक ऋण के माध्यम से दोहन की संभावना का आकलन किया गया है। इस संभाव्यता आकलन के दौरान जिले मे वर्तमान मे उपलब्ध अधोसंरचनाए संभाव्यता के पूर्ण दोहन के लिए अपेक्षित अतिरिक्त अधोसंरचनाए, पिछले वर्षों के रुझान और आगामी वर्षों मे संभावित अन्य परिवर्तनों को ध्यान मे रखा गया है। योजना के तहत फसल ऋण, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए सावधि ऋण तथा कृषि अधोसंरचना और अनुषंगी गतिविधियों को कुल मिलाकर कृषि के लिए संभावित ऋण 93.73 करोड़ सुनिश्चित की गई है। साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हेतु 150.97 करोड़ रुपये एवं निर्यात क्रेडिट, शिक्षा, आवास, सामाजिक अधोसंरचना एवं अन्य ऋण 53.48करोड़ रुपये की संभाव्यता का आकलन किया गया है।

नाबार्ड की जिले में अन्य गतिविधियों के संबंध में उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जिले में विभिन्न विकासात्मक पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। इन पहलों का उद्देश्य कृषि, ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं, जिससे कई ग्रामीण परिवारों को बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिला है। साथ ही ग्रामीण विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर के महत्व के मद्देनजर अंतर्गत सिंचाई परियोजनाओं, सड़कों, और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, संचार सुविधाओं में सुधार हुआ है। आरआईडीएफ के तहत नाबार्ड ने राज्य के 33 जिलों में सौर सुजला योजना के तहत 20000 सौर ऊर्जा पंप सेटों की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को 617.81 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। बैठक मे सीईओ जिला पंचायत, जयंत नाहटा, सहायक महाप्रबंधक (नाबार्ड),संतोष रामटेके, सदानंद बास्की (आर.बी.आई) शिव बघेल, अग्रणी जिला प्रबंधक एवं जिले मे कार्यरत सभी बैंकों के प्रबंधक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।