लाखों का शिक्षक आवास बना खंडहर न पानी न बिजली, अधिकारी को जानकारी नहीं ?

महासमुंद 9 नवंबर 2024। शिक्षकों के रहने के लिए आवास बनाया गया है, लेकिन धीरे-धीरे यह आवास खंडहर में तब्दील हो रहा है। और इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को नहीं है। यहीं नहीं लाखों की लागत से जहां आवास बनाया गया है वहां ना पानी है ना बिजली। छत में लगाई गई पानी की टंकियां गायब हैं। महासमुंद आकांक्षी जिला होने के कारण मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना सत्र 2018-19 के तहत सरायपाली के ग्राम बांजीबहाल शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला से 2 सौ मीटर की दूरी पर 5 शिक्षक आवास पीडब्लूडी ने बनाया था। मकान बनने के बाद शिक्षा विभाग को टीचरों को मकान हैंडओवर भी कर चुका हैं, लेकिन 2 साल से वहां कोई रहने वाला नहीं है। अब आवास परिसर पूरी तरह जंगल में तब्दील हो गया है। साथ ही घर के दरवाजे, पानी पाइप लाइन भी टूट चुकी हैं। हैरानी की बात है कि, जब शिक्षा विभाग के सहायक संचालक से आवास के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
नियमानुसार स्कूल से 8 किलोमीटर के दायरे में शिक्षकों को रहना है। अधिक दूरी होने की स्थिति को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए ही शिक्षकों को स्कूल के नज़दीक रखने के उद्देश्य से लाखों खर्च कर के घर बनाया गया है, लेकिन अब वही घर शिक्षकों की राह देख रहा हैं। इन 2 सालों में एक भी शिक्षक रहने नहींं आया। इस संबंध में सहायक संचालक सतीश नायर पहले तो अनभिज्ञता जाहिर की। फिर उन्होंने कहा कि पत करना होगा। मुझे सिर्फ इतनी ही जानकारी मिली है कि, 31 लाख की लागत से 5 आवास बनाए गए हैं। वहां पानी, बिजली की सुविधा नहीं है। कोई रहना भी चाहें तो कैसे रहे।