लखपति दीदी योजना, बाती बनाकर सशक्त हो रही महिलाएं

बेमेतरा 19 अक्टूबर 2024। महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में, लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को एक मजबूत आधार प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे वित्तीय और सामाजिक रूप से सक्षम बन सकें। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से किए जा रहे इन प्रयासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। झलक महिला स्वसहायता समूह। यह समूह न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि सामुदायिक विकास और आत्मनिर्भरता की ओर एक प्रेरणादायक कदम भी है।
झलक झंकार महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष, श्रीमती गायत्री सोनी, बताती हैं कि समूह की यात्रा अगस्त में शुरू हुई जब समूह को मशीन से रूई से फूलबाती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इसके तहत न केवल तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया, बल्कि आर्थिक सहायता भी दी गई, जिससे महिलाएं कच्चामाल और मशीनें खरीद सकीं।
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को फूलबाती बनाने की विधि सिखाई गई, जो एक सरल प्रक्रिया होते हुए भी आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकती है, विशेष रूप से त्योहारों के मौसम में। महिलाएं अपने दैनिक घरेलू कामों को निपटाने के बाद, मशीन से फूलबाती बनाती हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। इस योजना ने उन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का एक ठोस रास्ता प्रदान किया है, जो पहले केवल घरेलू कार्यों तक सीमित थीं। समूह की महिलाओं ने प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता का सही उपयोग करते हुए अपना काम शुरू किया। उन्होंने कच्चा माल ख़रीदा और फूलबाती बनाने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया। दिवाली का त्यौहार नज़दीक है और इस अवसर को भुनाने के लिए महिलाएं पूरी लगन से काम कर रही है। फूलबाती की बढ़ती मांग को देखते हुए, स्थानीय बाजार से उन्हें अच्छे ऑर्डर मिलने लगे। इसके साथ ही, समूह ने स्थानीय स्तर पर भी मार्केटिंग शुरू की, जिससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने भी उनकी प्रोडक्ट्स को खरीदा, जिससे उन्हें और प्रोत्साहन मिला। इस प्रकार, समूह की महिलाएं न केवल घरेलू कामों को निभा रही थीं, बल्कि समाज में अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुधार रही है। फूलबाती बनाने के इस कार्य ने झलक महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेंगे। पहले जो महिलाएं केवल अपने घरों तक सीमित थीं, आज वे खुद का काम संभाल रही हैं और समाज में अपनी पहचान बना रही हैं। इस कार्य ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया और साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ किया। समूह की अध्यक्ष श्रीमती गायत्री सोनी ने बताया कि इस योजना के तहत मिले प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से महिलाएं आत्मविश्वास से भर गई हैं। उन्होंने यह साबित किया कि यदि सही दिशा और अवसर मिलें, तो महिलाएं हर चुनौती का सामना कर सकती हैं और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं। शुरुआत में, झलक महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जैसे कि कच्चे माल की उपलब्धता और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा। लेकिन समूह ने अपनी एकजुटता और कड़ी मेहनत से इन समस्याओं का समाधान निकाला। उन्होंने अपनी गुणवत्ता पर ध्यान दिया और ग्राहक संतुष्टि को प्राथमिकता दी। इसके साथ ही, ज़िला प्रशासन ने भी उनकी मदद की और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत और सहायता उपलब्ध कराई। समूह की महिलाओं ने खुद को सशक्त बनाने के लिए तकनीकी ज्ञान और वित्तीय सहायता का बेहतरीन उपयोग किया। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि उन्होंने अपने परिवार और समाज के सामने एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया।