टावर लगाने में धोखधड़ी, जमीन दिखाई किसी की टावर लगा रहे थे कहीं और, विरोध के बाद रोका गया काम

महासमुंद 11 अक्टूबर 2024। एयरटेल मोबाइल कंपनी के मैनेजमेंट ने धोखा और भ्रामक जानकारी देकर टावर लगाने का खुलासा उस वक्त हुआ जब मोहल्ला वासियों का विरोध पर प्रशासन पहुंचा। इसके बाद मौके पर पहुंची नगर पालिका टीम ने जब स्थल का मुआयना किया तो टावर कही और लगाया जा रहा था। नगर पालिका टीम ने कंपनी मैनेजमेंट को तत्काल काम रोकने का आदेश दिया।
इमलीभाठा में घनी आबादी के बीचोंबीच एयरटेल मोबाइल कंपनी का टावर लगाने के लिए मैनेजमेंट ने नगर पालिका से अन्नापत्ति प्रमाण के लिए आवेदन किया था। इसके अलावा जिला प्रशासन से आनलाइन आवेदन किया था। जारी करने से पहले कंपनी मैनेजमेंट ने नगर पालिका राजस्व विभाग के गुमान सिंह ध्रुव को साथ लेकर एक अन्य व्यक्ति की खाली पड़ी जमीन स्थल का निरीक्षण कराया। नगर पालिका ने स्थल निरीक्षण के बाद कंपनी को एनओसी जारी कर दिया।
पार्षद कृष्ण कुमार चंद्राकर सहित स्थानीय निवासरत लोगों को जब मोबाइल टावर लगने जानकारी लगी तो इसका विरोध करना शुरू कर दिया। पार्षद सहित नागरिकों ने मोबाइल टावर लगाने के नियम और कानून का हवाला देते हुए कलेक्टर, एसपी, नगर पालिका सीएमओ को लिखित शिकायत की। शुक्रवार को मोबाइल कंपनी टावर लगाने के लिए सामान लेकर पहुंची थी, जिसके विरोध में मोहल्ले के महिला पुरूष सड़क पर बैठ गए। सूचना मिलने पर एसडीएस पैंकरा के निर्देश पर नगर पालिका के इंजीनियर शर्मा, अमन चंद्राकर, दिलीप कश्यप, गुमान सिंह ध्रुव और पटवारी खेमलाल साहू दस्तावेज सहित मौके पर पहुंचे।
टीम ने जब नजरी नक्शा और स्थल का निरीक्षण किया तो जमीन कोई और ही निकली। कंपनी ने एक अन्य व्यक्ति की खाली पड़ी जमीन को दिखाया था। नगर पालिका टीम हैरान रह गए। कंपनी मैनेजमेंट ने इमलीभाठा निवासी श्रीमती अनीता विश्वकर्मा के साथ टावर लगाने के लिए एग्रीमेंट किया था। उन्हीं के घर के आंगन टावर लगाने का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके बाद नगर पालिका टीम ने कंपनी मैनेजमेंट को तत्काल काम रोकने का आदेश दिया।

मोहल्ला वासी डी आर डहरिया, आर पी सिंग, ए आर सिन्हा, एम के साहू, कमलेश कुमार चंद्राकर, गजेन्द्र कुमार साहू, अनिल शर्मा, सुजाता विश्वनाथन, जेठूराम साहू, विक्रांत सिंह ठाकुर, मोनिका नामदेव, लता सिंग, उषा देवांगन, अवराम साहू,राधा साहू लक्ष्मीकांत सिन्हा का कहना है ट्राई के नियमों के अनुसार आवासीय क्षेत्र में टावर लगाने के लिए स्थानीय लोगों की सहमति अनिवार्य है। अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में टावर स्थापित नही होग। जबकि 25 मीटर की दूरी पर ही स्कूल संचालित होती है। उन्होंने यह भी कहा कि, मार्च 2021 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य में आवासीय भवनों के उपर मोबाइल टावर लगाया की स्थापना पर रोक लगाने का आदेश पारित करते हुए कहा था मोबाइल टावर लगाने से लोगों की जान माल को खतरा हो सकता है। इसके बावजूद नगर पालिका गुप-चुप तरीके से NOC दे दिया। इसी का नतीजा है कि कंपनी मैनेजमेंट ने जगह कही और दिखाकर टावर कही और लगा रहे हैं।

वार्ड पार्षद सहित स्थानीय मोहल्ला वासियों ने विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। वहीं टावर लग रहे स्थल का निरीक्षण करने जब नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंची तो कंपनी मैनेजमेंट के धोखाधड़ी सामने आया है। कंपनी ने NOC के लिए नगर पालिका राजस्व विभाग को धोखे में रखकर खाली पड़ी अन्य व्यक्ति की जमीन पर टावर लगाने के लिए स्थल का निरीक्षण कराया था। और एक अन्य व्यक्ति के घर के आंगन में टावर लगाया जा रहा था। नगर पालिका टीम ने मोबाइल कंपनी को तत्काल काम रोकने का आदेश दिया।मोहल्ला वासियों का कहना है कि, इतने सारे आपत्ति के बाबजूद इमलीभांठा वार्ड नं. 3 वृन्दावन विद्यालय के 25 मीटर के दायरे में मोबाईल टावर स्थापित किया जा रहा। इसकी वजह से मोबाईल टावर से निकलने वाला 5G रेडियेशन स्कूली बच्चों एवं मोहल्ले के बुजुर्गों के लिये प्राणघातक सिद्ध होगा।