शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने किया सामूहिक उपवास, राज्यपाल-मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
महासमुंद 28 जून 2025। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ब्लॉक इकाई के द्वारा शनिवार को अधिकारियों द्वारा युक्तियुक्तकरण में भेदभाव पूर्ण रवैया और व्यवस्था के नाम पर अव्यवस्था उत्पन्न किए जाने के विरोध में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने एक दिवसीय उपवास रखकर धरना दिया। इस अवसर पर शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की। बाद कलेक्टोरेट पहुंचकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम नायाब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
शिक्षकों ने पूर्व घोषणा अनुसार शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने उपवास रखकर धरना प्रदर्शन किया। बाद शिक्षक धरना स्थल से नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। वहां उन्होंने नायाब तहसीलदार मोहित अमीला के समक्ष ज्ञापन का पठन किया और राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा। ब्लॉक अध्यक्ष बाबू लाल ध्रुव, शिराज बक्शा, टेकराम सेन, ईश्वर चंद्राकर ने बताया कि संगठन ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर व्यवस्था के नाम पर अव्यवस्था फैलाने वाले अफसरों का युक्तियुक्तकरण करने की मांग की थी। किंतु, आज दिनांक तक संघ के आवेदन पर कोई कदम नहीं उठाया गया। आज विकासखंड महासमुंद के फेडरेशन के समस्त शिक्षक पदाधिकारी सामूहिक उपवास रखकर धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। शिक्षकों ने कहा कि अगर विभाग दोषी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं करेगा तो 5 जुलाई को लोहिया चौक से मुख्यमंत्री निवास तक पदयात्रा कर शिक्षा में अव्यवस्था फैलाने वाले अफसरों का युक्तियुक्तकरण करने की मांग कर न्याय की गुहार लगाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के नाम पर अव्यवस्था फैलाने वाले अफसरों पर फेडरेशन ने मुखर होकर आवाज बुलंद की है। लंबे समय से महासमुंद विकासखंड में व्यवस्था का खेल खेला जा रहा है। अफसर शासन से ऊपर उठकर निर्णय ले रहे है और पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिए है। लापरवाह अफसरों ने युक्तियुक्तकरण में एक के बाद एक गलतियां की है। जिसके कारण अतिशेष न रहते हुए भी शिक्षकों को अतिशेष बनाया गया है। हद तो तब हो गई जब अफसर काउंसिलिंग प्रकिया के बाद अपने विवेक से बिना काउंसिलिंग पदस्थापना आदेश जारी किए है, जो कि युक्तियुक्तकरण और शासन की गाइड लाइन में दिए नियमों के खिलाफ है। इस तरह से बहुत सी गलतियां युक्तियुक्तकरण में अफसरों की लापरवाही के चलते हुए हुई है, जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा हैं। उच्च कार्यालय से निर्देश मिलने के बाद भी जवाबदार अफसरों ने समय सीमा पूरी होने के बाद भी नियमितीकरण आदेश जारी नहीं किया। जिसके कारण जूनियर रुक गए और सीनियर शिक्षक अतिशेष बनकर रह गए। ऐसे ही गलतियां करने वाले अफसरों का युक्तियुक्तकरण होना चाहिए, तभी शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। ऐसे अफसर अगर पद में बने रहे तो आने वाले कुछ महीनों में स्कूलों की स्थिति पुरानी स्थिति में बदल जाएगी।
