धरती आबा अभियानः दीदियाँ बनीं मिसाल, जिले से आने लगीं बदलाव की खुशनुमा तस्वीरें

कोरिया 27 जून 2025। धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत जनजातीय बहुल क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल सामने आई है। अभियान के दौरान बिहान की स्व-सहायता समूह से जुड़ी अनुसूचित जनजाति की पाँच दीदियों को 2-2 लाख का ऋण श्लखपति मुद्रा लोन योजनाश् के अंतर्गत बैंकों से प्रदान किया गया। इस सहायता ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने और सतत आजीविका से जुड़ने का अवसर प्रदान किया है।
इंदु सिंह (बासदेव पारा) ने इस राशि से सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) शुरू किया है, जो अब ग्रामीणों को डिजिटल सेवाओं की सुलभता प्रदान कर रहा है तो बासदेव पुर निवासी संगीता सिंह और गड़बड़ी निवासी बबली आमो ने किराना दुकानों की शुरुआत की, जो अब उनके लिए स्थायी आय का माध्यम बन चुकी हैं। पण्डोपारा निवासी पुष्पा सिंह ने बकरी पालन शुरू कर आजीविका का मजबूत साधन अपनाया है। वहीं, रीना सिंह द्वारा कपड़ों की दुकान की तैयारी पूरी कर ली गई है, जो जल्द ही शुरू की जाएगी। इन पहलाओं ने इन महिलाओं को न केवल आर्थिक मजबूती दी है, बल्कि आत्मविश्वास से भरकर समाज में एक नई पहचान भी दिलाई है। इन सफलताओं ने यह स्पष्ट किया है कि धरती आबा अभियान केवल योजनाओं का क्रियान्वयन भर नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल भी बन रहा है। ये दीदियाँ अब ग्रामीण क्षेत्रों की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं लखपति दीदी बनने की दिशा में। यह पहल धरती आबा अभियान के उस मूल उद्देश्य को साकार करती है, जिसमें शासन की योजनाओं को जनजातीय समुदाय तक सीधे और प्रभावी रूप से पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। कोरिया जिले से आ रही ये कहानियाँ यह साबित करती हैं कि जब अवसर और मार्गदर्शन साथ मिलते हैं, तो बदलाव की तस्वीरें सच में खुशनुमा हो जाती हैं।