नियम विरुद्ध शौचालय प्रोत्साहन राशि दिया, पंचायत सचिव हेतराम निलंबित

जगत पंचायत का स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) योजना में गडबडी की हुई थी शिकायत
महासमुन्द। ग्राम पंचायत जगत का स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) योजना में जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों को शौचालय प्रोत्साहन राशि देने के मामले में आरोपित सचिव हेतराम पटेल के विरुद्ध कार्रवाई नही किया गया था। जबकि जांच प्रतिवेदन 18 नवम्बर से जिला पंचायत में दवा रखा था। एस. आलोक सीईओ जिपं द्वारा त्वरित कार्रवाई करने के बजाय दरियादिली दिखाते हुए हेतराम का स्थानातंरण कुडेकेल में कर दिया। इस पूरे मामले की शिकायत मंत्रालय स्तर में किया गया है। जिसका कलेक्टर द्वारा जांच किये जाने की भनक लगने के बाद सच्चिदानंद आलोक ने 06 जून को आनन-फानन में हेतराम पटेल तात्कालीन सचिव ग्राम पंचायत जगत को निलंबित कर दिया है। सचिव का निलंबन अवधि में मुख्यालय बसना जपं में निर्धारित किया गया है।
मालूम हो कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने ग्राम पंचायत जगत का स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना में शौचालय प्रोत्साहन राशि जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों को प्रदाय करने की लिखित शिकायत की गई थी। इसकी जांच में शिकायत सही पाया गया। एस. आलोक ने सरपंच पति शोभाराम राजहंस से जांच के दौरान ही 06 वर्ष पूर्व प्राप्त प्रोत्साहन राशि बारह हजार जमा करवाकर मामले का पटाक्षेप कर दिया था।
बताना जरूरी है कि हेतराम पटेल वर्तमान में बडेटेमरी पंचायत में पदस्थ है। जिसका 26 मई को प्रशासनिक आधार से स्थानातंरण कुडेकेल पंचायत में एस. आलोक सीईओ ने किया है। जबकि ये भली भांति जानते थे कि इस सचिव का जगत पंचायत के शौचालय मामले में जांच लंबित है। इसके बाबजूद हेतराम पटेल को इस नोटिस जारी करने से 03 दिन पूर्व प्रशासनिक स्थानातंरण आदेश जारी कर दिया। जो जिला पंचायत में मची हुई अंधेरगद्वी को बयां कर रहा है। इस मामले ने तो सीईओ जिपं का प्रशासनिक पकड में कलई को खोल कर रख दी है।
सचिव हेतराम पटेल कोे 29 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में जनपद सदस्य देवकुमारी पटेल के पति फूलचंद पटेल, पंच किशन पिता बनमाली को बारह-बारह हजार प्रोत्साहन राशि देने के संबंध में जबाब मांगा गया था। सचिव द्वारा इस नोटिस का कोई जबाब नही दिया गया। जिस कारण 06 जून को निलंबित कर दिया।

ग्राम जगत पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना का रोकड बही व बिल बाउचर सहित अन्य दस्तावेज गायब है। संभवतः नष्ट कर दिया गया है। हेतराम पटेल के बाद निमंकर पटेल इस पंचायत में पदस्थ थे। जांच में सचिव निमंकर पटेल के कार्यकाल में सरकारी अभिलेख गायब व नष्ट होने की पुष्टि हो चुका है। लेकिन एस. आलोक ने निमंकर पटेल को निलंबित नही किया। जिला पंचायत की कार्यशैली ‘अंधा बांटे रेवडी अपने-अपने को दिये जाएं‘ की तर्ज में चल रहा है।