जिले में नियमानुसार हुआ शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूर्ण

कलेक्टर श्री उईके ने प्रेसवार्ता में दी जानकारी
गरियाबंद 05 जून 2025/ शासन के निर्देशानुसार शालाओं एवं शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया 03 जून तक पूर्ण कर ली गई है। इसी तारतम्य में आज कलेक्टर  बी.एस. उईके ने प्रेसवार्ता में जिले में हुए सम्पन्न हुए युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासन के नियमानुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। साथ ही नियमानुसार अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना भी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि गरियाबंद जिले में 01 से 03 जून के मध्य विभिन्न शिक्षक संवर्गों के अतिशेष शिक्षकों की ओपन काउंसलिंग के तहत युक्तियुक्तकरण करते हुए रिक्त स्थान वाले शालों में पदस्थापना आदेश जारी की गई है। युक्तियुक्तकरण से पूर्व मैनपुर के दूरस्थ क्षेत्रों में 6 शिक्षकविहीन एवं 69 एकल शिक्षकीय शाला थे, जिसमे शिक्षकों की पूर्ति हो गई है, अब सिर्फ 13 शाला एकल शिक्षकीय बच गये हैं। इसी तरह देवभोग ब्लॉक में 4 शिक्षक विहीन तथा 30 एकल शिक्षकीय शाला थे, 6 हाई स्कूल भी एकल शिक्षकीय थे परंतु फिंगेश्वर ब्लॉक ई स्वर्ग के अतिशेष शिक्षकों से इन पदों की भरपाई हो गई, अब देवभोग ब्लॉक में कोई भी शाला शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय नहीं रहा। कलेक्टर ने बताया कि ई संवर्ग के 81 तथा टी संवर्ग के 133, कुल 214 सहायक शिक्षकों, 6 प्राथमिक शाला प्रधान पाठकों, 25 ई संवर्ग तथा 81 टी संवर्ग, कुल 106 शिक्षकों, एक मिडिल स्कूल प्रधान पाठक, तीन विज्ञान शिक्षक तथा 76 व्याख्याता के पद स्थापना आदेश जारी किए गए है। इस दौरान प्रेसवार्ता ने अपर कलेक्टर  अरविन्द पाण्डेय,  नवीन भगत, जिला शिक्षा अधिकारी  ए.के. सारस्वत सहित जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री उईके ने प्रेसवार्ता में बताया कि ओपन काउंसलिंग के माध्यम से तथा शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ शिक्षकों की कमी वाले शालाओं में विषयवार रिक्तता के आधार पर पदस्थापना की गई है तथा तत्काल आदेश जारी कर जॉइनिंग के निर्देश दिए गए हैं। युक्तियुक्तकरण से दूरस्थ अंचलों के विशेष कर मैनपुर एवं देवभोग के शिक्षकों की कमी वाले शालाओं मैं शिक्षकों की पूर्ति हुई है। ओपन काउंसलिंग के माध्यम से तथा शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ शिक्षकों की कमी वाले शालाओं में विषयवार रिक्तता के आधार पर पदस्थापना की गई तथा तत्काल आदेश जारी कर जॉइनिंग के निर्देश दिए गए हैं। काउंसलिंग प्रक्रिया में अनुपस्थित एवं असहमत रहने वाले शिक्षकों की पदस्थापना लाटरी पद्धति से की गई। शासन की गाइडलाइन के अनुसार वरिष्ठ शिक्षकों, महिलाओं, दिव्यांगों तथा मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों को वरीयता दी गई। ई संवर्ग में विषयगत रिक्तता न होने के कारण कुछ शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की जा सकी, जिनकी सूची उच्च कार्यालय को प्रेषित की जाएगी। दूरस्थ एवं ग्रामीण अंचल में वर्षों से रिक्त पदों की पूर्ति होने से, आम जनों, जनप्रतिनिधियों, पालकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया गया है। जिले में निर्बाध गति से काउंसलिंग की प्रक्रिया नियमानुसार संपन्न कराने में जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।