कृष्ण कुंज में विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत कार्यक्रम, हमें अपने बच्चों को प्रकृति के महत्व के बारे में बताना होगा- विधायक
कोंडागांव, 5 जून 2025। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कोपाबेड़ा स्थित कृष्ण कुंज में बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक सुश्री लता उसेंडी के मुख्य आतिथ्य में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, स्कूली बच्चों और बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता रही ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के अंतर्गत पौधरोपण, जिसमें सभी ने अपने माताओं के नाम पर एक-एक पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में व्यक्तिगत सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ पहल, पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ भावनात्मक जुड़ाव की भी मिसाल है। उन्होंने कहा कि इस पहल को केवल सार्वजनिक स्थलों तक सीमित न रखते हुए, इसे घर-घर पहुंचाना आवश्यक है। हमें अपने बच्चों को प्रकृति के महत्व के बारे में बताना होगा और वृक्षारोपण को उनके जीवन का हिस्सा बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि हम अक्सर घरों से निकलने वाले कचरे को इधर-उधर फेंक देते हैं, जिसमें प्लास्टिक भी शामिल होता है। यह प्लास्टिक जब पशु खा जाते हैं, तो उनके लिए जानलेवा साबित होता है। उन्होंने प्लास्टिक उपयोग को नियंत्रित करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक की सहभागिता अनिवार्य है।
कलेक्टर श्रीमती नुपुर राशि पन्ना ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के प्रति जो पहल शुरू की है, वह अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। उन्होंने प्लास्टिक के अंधाधुंध प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम बिना सोचे-समझे अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुँचा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले हमारे टिफिन बॉक्स स्टील के होते थे, अब प्लास्टिक के हो गए हैं। हमें यह समझना होगा कि प्रदूषण गाँवों में नहीं, शहरों में हो रहा है और इसके लिए शिक्षित वर्ग ही जिम्मेदार है।
कलेक्टर ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे विभाग से संपर्क कर पौधे प्राप्त करें और उनकी उचित देखभाल कर पर्यावरण संरक्षण में सहभागी बनें।
वन मण्डलाधिकारी चुड़ामणि सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि हमें प्रदूषण की रोकथाम की शुरुआत अपने घर से करनी होगी। हम घरों से जो कचरा बाहर फेंकते हैं, वह नालियों के माध्यम से नदियों और अंततः समुद्र तक पहुंचता है, जिससे जल जीवन चक्र प्रभावित होता है। उन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत अधिक से अधिक पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के इच्छुक नागरिक वन विभाग से संपर्क कर पौधे निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
सीआरपीएफ कमांडेंट नितिन नाग ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी परंपरा में पेड़ लगाना हमेशा से जुड़ा रहा है। जहाँ भी हम रहते हैं, वहाँ पेड़-पौधे लगाकर प्रकृति से जुड़ाव बनाए रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल न केवल एक सराहनीय कदम है बल्कि इसे जन-आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम आज ही नहीं, बल्कि हर दिन को पर्यावरण दिवस मानकर प्रकृति के संरक्षण में योगदान दें।