आरटीई के तहत प्रवेश के लिए कल से ऑनलाइन आवेदन शुरू

1 से 2 मई के बीच निकाली जाएगी लॉटरी
महासमुंद। राइट टू एजुकेशन अधिनियम (आरटीई) के तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में निजी स्कूलों में बीपीएल बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया शनिवार एक मार्च में शुरू हो जाएगी, जिसके लिए आज शुक्रवार तक स्कूलों का पंजीयन होना ह। जिसके बाद प्रोफाइल अपडेट किया जाएगा व 1 मार्च से ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ होगा।
बता दें कि, आरटीई में प्रवेश के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने 25 नवंबर को ही शेड्यूल जारी कर दिया था। साथ ही आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के संबंध में सभी संभागीय संयुक्त संचालकों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया था। समय सारिणी के अनुसार प्रथम चरण में आवेदन के पूर्व स्कूलों का पंजीयन होगा। 1 जनवरी से 28 फरवरी तक स्कूलों का पंजीयन होने के साथ ही प्रोफाइल अपडेट, हैबिटेशन की मैपिंग एवं दर्ज संख्या की प्रविष्टि की जाएगी। उक्त अवधि में ही स्कूलों का सत्यापन जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। स्कूलों के पंजीयन के पश्चात बच्चों के प्रवेश हेतु ऑनलाइन पंजीयन प्रारंभ होगा। शनिवार यानि एक मार्च से आवेदन प्रारंभ होगा जिसकी अंतिम तिथि 31 मार्च होगी। पश्चात 17 मार्च से 25 अप्रैल तक नोडल अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। बाद 1 से 2 मई के मध्य लॉटरी निकाली जाएगी और 5 से 30 मई के मध्य चयनित बच्चों को आवंटित स्कूलों में दाखिला देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दूसरे चरण में 2 से 15-16 जून के मध्य नए स्कूलों का पंजीयन व अन्य प्रक्रिया पूरी होगी। दूसरे चरण के लिए आनलाइन आवेदन 20 से 30 जून के बीच, दस्तावेजों की जांच 1 से 8 जुलाई के बीच और 14 से 15 जुलाई के बीच लॉटरी निकाली जाएगी व 18 से 31 जुलाई के बीच स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा।
चालू शिक्षण सत्र में 217 स्कूलों का चयन
बता दें कि जिले में चालू शिक्षा सत्र 2024-25 में 212 स्कूलों का आरटीई के तहत पंजीयन हुआ था। इन स्कूलों में 1702 सीटें बीपीएल बच्चों के लिए आरक्षित थीं। उक्त सीटों के लिए पहले और दूसरे चरण में जिलेभर से 3514 आवेदन प्राप्त हुए थे किन्तु दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान कई आवेदन रद्द कर दिए गए। इस वर्ष 1637 बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में हुआ था और 65 सीटें खाली थी। ज्यादातर पालक बडे स्कूलों का चयन करते हैं, लेकिन वहां तय सीट के हिसाब से ही प्रवेश मिलता है। शेष बच्चे छूट जाते हैं, इस कारण सीटें खाली रह जाती है।