केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव नहीं

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
नई दिल्ली 04 फरवरी 2025। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अंतर्गत-केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) बरगढ़, ओडिशा सहित हजारीबाग (झारखंड), गेरुआ (असम) और नायरा (आंध्र प्रदेश) में स्थित अपने तीन क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों के साथ देश के विभिन्न राज्यों की विभिन्न पारिस्थितिकी में चावल की खेती की उत्पादकता, लाभप्रदता और स्थिरता बढ़ाने के लिए पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का विकास और प्रसार करता है। इसके अलावा, हैदराबाद (तेलंगाना) स्थित भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआईआरआर) भी देश में चावल अनुसंधान कार्य करता है।
इन संस्थानों के अलावा, भुवनेश्वर स्थित ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी) ओडिशा में चावल पर अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियां संचालित होती हैं। इसलिए, अभी ओडिशा के बरगढ़ में केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
चावल की फसल के लिए उपरोक्त दो राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा कई जलवायु अनुकूल तकनीकें/उत्पाद विकसित किये गये हैं और उनके परीक्षण और मूल्यांकन हुए हैं। बरगढ़ के किसानों को ऐसी किस्मों और तकनीकों का लाभ मिल रहा है।
आईसीएआर को अपने उपरोक्त दो अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से सुदृढ़ और प्रभावी अनुसंधान कार्यों द्वारा देश भर में चावल की उत्पादकता बढ़ाने हेतु प्रौद्योगिकी विकसित करने का राष्ट्रीय अधिदेश मिला हुआ है। ओडिशा और भारत के विभिन्न राज्यों में उन्नत किस्मों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने और कृषि लागत कम कर उपज बढ़ाने पर अनुसंधान किए गए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।