आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिया जा रहा मल्टीग्रेन दलिया, बन रही बच्चों की सेहत
दंतेवाड़ा, 10 नवंबर 2024। मिलेट अनाजों के पोषक तत्वों एवं स्वास्थ्यवर्धक गुणों से पूरे देश-दुनिया परिचित हो चुकी है। कभी मोटे अनाजों के नाम पर दरकिनार होते इस अनाज को अब श्री अन्न कहा जाने लगा है। सभी के लिए सुपाच्य एवं मरीजों के विभिन्न व्याधियों में फायदेमंद इस अनाज की मांग अब एकाएक बढ़ चुकी है। खास तौर पर महिलाओं एवं बच्चों के सेहत के लिए इस एक कारगर के उपाय के रूप में देखा जाने लगा है। पोषण माह में सुपोषण योजना के तहत बच्चों को दिए जा रहे हैं ‘‘मिलेट मल्टीग्रेन दलिया‘‘ इस क्रम में जहां कुपोषण और एनीमिया एक बड़ी समस्या रही है, इस देखते हुए जिला प्रशासन की विशेष पहल पर सुपोषण योजना के तहत एक अनूठी पहल के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को मिलेट मल्टीग्रेन (मिलेट्स, जैसे रागी, कोदो, कोसरा, बाजरा, ज्वार आदि) से बना दलिया दिया जा रहा है। यह मिलेट मल्टीग्रेन दलिया नियद नेल्लानार के ग्राम गमावाडा एवं धुरली के आंगनबाड़ी केंद्र में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के समय अर्थात 3 बजे के आसपास खिचड़ी या हलवा के रूप में बनाकर दिया जाता है। जिससे आंगनबाड़ी केन्द्र से प्राप्त गर्म भोजन व घर में मिलने वाले शाम के भोजन के बीच में ‘‘न्युट्रिशनल गैप‘‘ को पूरा करती है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ ‘‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेषन‘‘ (ईसीसीई) गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए भी कारगर साबित हुआ है। यह मिलेट मल्टीग्रेन दलिया स्थानीय स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेट आधारित दलिया को मिड-डे मील के रूप में शामिल किया गया है। बच्चों और उनके माता-पिता से मिले सकारात्मक फीडबैक ने इस योजना की सफलता को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। बच्चों में पहले की तुलना में अधिक ऊर्जा, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और शारीरिक विकास में तेजी देखी गई है।