शालात्यागी बच्चों के भविष्य संवारने के लिए जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता

दंतेवाड़ा, 24 सितंबर 2024। विभिन्न परिस्थितियों के कारण शाला छोड़ चुके बच्चों को फिर से शिक्षा के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रशासनिक प्रयास फलीभूत हो रहे है। कारण स्पष्ट है कि विकास और शिक्षा एक दूसरे के पूरक है परिवार समाज और क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए शिक्षा से बढ़कर कोई विकल्प भी नहीं हैं। इस क्रम में कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार एवं जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन के मार्गदर्शन के अनूठी पहल के तहत जिला दंतेवाड़ा के ग्राम पंचायतों के 250 शाला त्यागी एवं शाला अप्रवेशी बच्चों को आश्रम छात्रावासों में प्रवेश दिया गया है। कलेक्टर के इस प्रयास से इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निवासरत और शिक्षा से वंचित इन बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा सहज एवं अनिवार्य रूप से प्रदाय करने के साथ-साथ उनके मानसिक विकास तथा आगे की शिक्षा प्राप्ति में स्वस्फूर्त ढंग से स्वरूचि को बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे ये बच्चे आगे की शिक्षा, सुचारू रूप से प्रारंभ कर सके और उच्च शिक्षा प्राप्ति की ओर अग्रसर होकर अपने ग्राम एवं क्षेत्र के विकास में सहभागी बन सकेगें।

इसके अन्तर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त श्री मसराम द्वारा जिले के ग्राम पंचायतों में स्थित छात्रावास आश्रमों का सघन दौरा एवं निरीक्षण कर बच्चों के प्रवेश हेतु ग्रामवासियों एवं पालकों से संपर्क कर प्रोत्साहित करने के अलावा मंडल संयोजकों एवं अधीक्षकों के प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाने पर विषेष रूप से जोर दिया गया। इन प्रयासों के फलस्वरूप आश्रित ग्रामों, ग्राम पंचायतों में ग्राम मेटापाल से 5, नेटापुर से-11, घुरली से-5, चंदेनार से-11, दाबपाल से-4, फूलनार से-1, मोलसनार से-6, गंजेनार से-10, भांसी-5, कुहथेपाल-1, कुहचेपाल-1, दुवाली करका-1, डूंगा ओरछा 1, कुम्हारास-1, जावंगा-1, झिरका-1, पोन्दुम-4, जारम-1, मसेनार-1, पदमेटा-1, हाउरनार-1, बुरदीकरका-1, पातररास-1, बडेहडमामुण्डा-6, नेउरनार-9, मुण्डेर-10, उरैपाल-1, मुस्तलनार-1, बांगापाल-2, हाउरनार-1, बास्तानार-1, गुटोली-1, बोटपाल-1, गुटोली-1, छिन्दनार-1 बडेकारली-5, कासोली-3, गोंगपाल-3, बुरगुम-1, बांगापाल-2, नकुलनार-3, रेंगानार-4, हितावर-3, कलेपाल-6, माहराहाउनार-5, पालनार-1, कोडेनार-2-1, समलवार-1, चनीकोडता-1, भूसारास-1, केशापुर-1, हिरोली-1, मैलावाडा-1, समेली-1, मड़कामीरास-2, बडेलखापाल 15, दुधीरास-2, गाटम-2, रंगानार-1, दूधीरास-2, मिडकोमपारा-2, तुमकपाल-3, छोटेतोंगपाल-6, परचेली-1, लखारास-1, कटेकल्याण-2, तुमकपाल 2, लखापाल-1, बडेबेडमा-2, जंगमपाल-2, छोटेगुडरा-1 एवं तेलम-1 कुल 250 शाला त्यागी बच्चों का पुनः एक बार स्कूल प्रवेश दिलाया गया।