
उच्चतम न्यायालय ने एक महिला को गंभीर असामान्य लक्षण वाले 27 सप्ताह का भ्रूण नष्ट करने की अनुमति देने से आज इंकार कर दिया। महिला का परीक्षण करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति एस.ए. बोबड़े और एल.नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि डॉक्टरों की राय में इस अवस्था में गर्भपात कराने के बाद भी बच्चा जीवित पैदा हो सकता है। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता महिला को गर्भपात की अनुमति देना उचित नहीं है।
