
भारतीय चिकित्साल परिषद ने सभी डॉक्टडरों से केवल जेनेरिक दवाइयां ही लिखने को कहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि अनावश्यटक दवाइयां न लिखी जाएं। इन दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर परिषद ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एमसीआई ने 2016 के अपने उन दिशा-निर्देशों पर जोर दिया है, जिसमें ब्रांडेड दवाइयों की जगह जेनरिक दवाइयां लिखना अनिवार्य किया गया था।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूरत में एक अत्याअधुनिक अस्पताल का उद्घाटन करते हुए ऐसी कानूनी व्यरवस्थास पर जोर दिया था, जिससे चिकित्सकक मरीजों को सस्तीे जेनेरिक दवाइयां ही लिखें।
सरकार और अधिक दवाइयों को शामिल करने के लिए आवश्यक दवाइयों की राष्ट्रीय सूची भी संशोधित कर रही है। जनऔषधि कार्यक्रम भी सुदृढ़ किया जा रहा है।
