
रायपुर : लोकसभा निर्वाचन के लिए 23 मई को होने वाली मतगणना में सुबह 8 बजे सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी और इसके ठीक आधे घण्टें बाद 8ः30 बजे से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के वोटो की गिनती शुरू हो जाएगी। मतगणना के संबंध में जिला कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में मतगणना सुपरवाईजरों तथा मतगणना सहायकों का प्रथम चरण का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। पहले दिन करीब 150 और दूसरे दिन भी इतने ही अधिकारी और कर्मचारियों जिनको मतगणना सुपरवाईजर और मतगणना सहायक के रूप में ड्यूटी लगाई गई है उन्हें मतगणना की प्रक्रिया एवं प्रावधान के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने मतगणना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मतगणना कार्य में तैनात किए जा रहे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी गंभीरता से मतगणना का कार्य संपादित करने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर अतिरिक्त कलेक्टर दीपक अग्रवाल, उपजिला निर्वाचन अधिकारी राजीव पांडे भी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि दूसरे चरण का प्रशिक्षण 20 मई को दोपहर 12 से 1 बजे तक होगा।
हर टेबल पर रहेगी माईक्रो आब्जर्वर की नजर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त सामान्य प्रेक्षक के प्रतिनिधि के रूप में मतगणना की सभी टेबलों में एक-एक माईक्रो आब्जर्वर भी रहेंगे जो जो मतगणना पर नजर रखेंगे और उनसे हर चक्र के परिणामों की जानकारी अपने प्रपत्र में भरेंगे और इसकी जानकारी आयोग के प्रेक्षक को देंगे। केन्द्रीय कर्मचारी माईक्रो आब्जर्वर के रूप में तैनात मतगणना टेबलों में तैनात रहेंगे।
मतगणना में तैनात अधिकारी-कर्मचारियों सुबह 6 बजे पहुंचेंगे मतगणना स्थल
मतगणना कार्य हेतु जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है वे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सुबह 6 बजे अपना परिचय पत्र ले कर मतगणना स्थल शासकीय इंजीनियरिंग कालेज सेजबहार पहुंचेेंगे। सभी को सुबह 7 बजे तक मतगणना टेबल में उपस्थित हो जाना है। मतगणना स्थल में मोबाइल फोन सहित कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, कैलकुलेटर, पेन, ड्रॉईव पेन अथवा पेंसिल ले जाना मना है। मतगणना अधिकारियों और कर्मचारियों को किस टेबल में उपस्थित होकर मतगणना करनी है यह सुबह 5 बजे सामान्य प्रेक्षकों की उपस्थिति में तीसरे रैण्डमाईजेशन के बाद ही निर्धारित होगा।
प्रत्येक विधानसभा में मतों की गिनती के लिए लगेंगी 14 टेबल
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में रायपुर जिले की सात विधानसभाओं के मतों की गिनती की जाएगी। प्रत्येक विधानसभा के मतगणना कक्ष में 14 टेबल लगाई जाएगी। प्रत्येक राउंड में सभी 14 टेबलों पर मतदान केंद्र क्रमांक 1 से शुरू करते हुए मशीनें लाई जाएंगी। मशीन से तात्पर्य केवल कंट्रोल यूनिट से है। गणना कक्ष में बैलैट यूनिट नहीं लाई जायेगी। वीवीपैट आवश्यक होने पर ही लाई जायेगी। कंट्रोल यूनिट के साथ मतगणना सुपरवाईजर को मतपत्र लेखा भी दिया जायेगा जिसमें मतदान के दौरान पड़े वोटों की संख्या की जानकारी होती है। हर मतगणना टेबल में सूची लगी होगी जिसमें किस राऊन्ड में कौन सी मशीन लाई जाएगी इसका उल्लेख होगा। मतगणना सुपरवाईजर द्वारा हर टेबल पर आने आने वाली कंट्रोल यूनिट का नंबर प्रत्याशियों के एजेन्टों को बताएंगे। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार एक राऊन्ड की गणना पूरी हो जाने के बाद ही दूसरे राऊन्ड की मशीन लाई जाएंगी।
सबसे पहले डाक मतपत्र की गणना, इसके लिए अलग कर्मचारी होंगे
मतगणना डाकपत्रों की गणना के साथ सुबह 8 बजे से शुरु होगी। इसमें सुरक्षा सैनिकों व्दारा भेजे गए इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और साधारण डाक मतपत्र की गणना होगी। इसके लिए अलग गणना पर्यवेक्षक और गणना सहायक होंगे। एक निर्वाचन क्षेत्र में डाक मतों की गणना के लिए प्रत्येक 500 प्राप्त मतों के लिए एक टेबल आवंटित होगा। ठीक 8ः30 बजे से ईवीएम के वोटो की गिनती शुरू हो जाएगी।
हर विधानसभा क्षेत्र के 5 मतदान केन्द्रों की वीवीपैट की पर्चियों की गणना होगी मास्टर ट्रेनर ने बताया कि वोटिंग मशीन की पहचान सुनिश्चित हो जाने पर उसका पावर बटन ऑन करें। वह अपना क्रमांक और समय बताएगी। मशीन का टोटल बटन दबाएँ और देखें कि उसमे पड़े मतों की संख्या पीठासीन अधिकारी व्दारा जारी मतपत्र लेखा के आंकड़े से मेल खाते है अथवा नहीं। सब सही होने पर मशीन से स्ट्रिप सील और एड्रेस टैग हटायें। यदि किसी मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी ने बनावटी मतदान (मॉक पोल) के बाद क्लोज, रिजल्ट और क्लीयर (सीआरसी) नहीं की है, अथवा कंट्रोल यूनिट की खराबी के कारण उससे परिणाम प्राप्त करना संभव न हो तो उस मतदान केंद्र के मतों की गणना वीवीपैट की पर्चियों से किया जाएगा। हर विधानसभा क्षेत्र के 5-5 मतदान केन्द्रों की वीवीपैट की पर्चियों की गणना अलग से की जाएगी।
