होम छत्तीसगढ़ डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदर्शिता और दर्शन ने संविधान को विशिष्ट बनाया...

डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदर्शिता और दर्शन ने संविधान को विशिष्ट बनाया : सुश्री उइके

50
0

राज्यपाल हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के वेबिनार में हुई शामिल
रायपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके गत दिवस हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नया रायपुर द्वारा आयोजित ‘‘डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति व्याख्यान’’ में वर्चुअल रूप से शामिल हुई। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि भारत के संविधान में समावेशी विकास के आदर्शों की परिकल्पना की गई है। साथ ही संविधान सामाजिक न्याय की अवधारणा पर भी बल दिया गया है। संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदर्शिता, दर्शन और विचारधारा ने संविधान को विशिष्ट बनाया।
वेबिनार को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के अनुसार, सामाजिक न्याय, एक आदर्श या न्यायपूर्ण समाज के निर्माण का एक साधन है। डॉ. अंबेडकर के लिए एक न्यायपूर्ण समाज जातिविहीन समाज है जो सामाजिक न्याय के सिद्धांतों और स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के तीन घटकों के संयोजन पर आधारित है।
सुश्री उइके ने कहा कि सामाजिक न्याय पर हम संवैधानिक प्रावधानों के लिए हम बाबा साहेब के बहुत ऋणी हैं। आज जब पूरा भारत प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, मैं इस महान दूरदर्शी के लिए अपना सम्मान और आभार व्यक्त करती हूं। विश्वविद्यालय ने डॉ. अंबेडकर के योगदान को रेखांकित करते हुए गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें यह सम्मान दिया। उन्होंने महान भारत रत्न के आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया ताकि हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए एक विरासत को संजोकर रख सकें।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी वरिष्ठ संकाय सदस्य, शिक्षाविद और विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।

पिछला लेखमुख्यमंत्री ने लाला लाजपत राय की जयंती पर उन्हें किया नमन
अगला लेखप्रतिदिन 6 हजार से बढ़कर हुआ 9 हजार टीकाकरण,10 हजार का लक्ष्य

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here