
रायपुर. कुशल नेतृत्व से किसी देश, संस्था या किसी कार्य को दिशा मिलती है. इसके कारण ही किसी देश को स्वतंत्रता मिली, कोई देश प्रगति की शिखर में पहुंचा. किसी संस्था को आगे बढ़ने की राह दिखी. बिना नेतृत्व के कोई भी संस्था दिशाविहीन हो जाती है. सार्थक नेतृत्व ही एक उत्कृष्ट रचना को जन्म देता है.
यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आज एसोचैम द्वारा आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए कही. साथ ही उन्होंने अवार्डस ऑफ लीडरशीप एक्सीलेंस-2021 के आयोजन के लिए एसोचैम को बधाई दी.
राज्यपाल ने कहा कि हम अपने देश की बात करें तो हमारे देश में अनेक महान नेतृत्व पैदा हुए है. हम यदि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बात करें, तो उन्होंने अपने नेतृत्व के दम पर वह कर दिखाया, जो पूरी दुनिया के लिए एक तस्वीर बन गई. उस समय जब पूरा देश गुलाम था, तब भारतीयों को सत्याग्रह और अहिंसा का उपयोग करना सिखाया. उसी की बदौलत हमारे देश को आजादी मिली.
मैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की बात करूं, जिनके नेतृत्व में काम करने का मौका मिला. मैंने उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय महिला आयोग के काम को बखूबी निर्वहन किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है और उन्होंने ऐसे क्रांतिकारी निर्णय लिए, जिसने पूरी देश की दिशा बदल दी.
उनके नेतृत्व में कोरोना काल में एकजुट होकर मुकाबला किया और आज इस बीमारी की वैक्सीन आ गई है और हमारे देश में टीकाकरण प्रारंभ हो गया है. उन्होंने दुनिया के कुछ देशों को वैक्सीन प्रदान कर हमारे देश को पूरे विश्व में स्थापित किया है. आज पूरा विश्व उन्हें सम्मान की नजरों से देखते हुए धन्यवाद दे रहा है.
राज्यपाल ने कहा कि लेकिन हमें यह जानना चाहिए कि नेतृत्व का गुण एक दिन में नहीं बनता है, उसके लिए समर्पण, लंबा संघर्ष और त्याग की भावना की आवश्यकता होती है. वहीं नेतृत्व सफल होता है जो दूसरों के लिए बिना किसी अपेक्षा की मदद करता है.
राज्यपाल ने कहा कि मेरे सामने कई चुनौतियां आई पर मैं हिम्मत नहीं हारी और वरिष्ठ जनों के मार्गदर्शन और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से सामना करती रही. विभिन्न दायित्वों के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य, राज्यसभा सांसद, राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ की राज्यपाल बनने का अवसर प्राप्त हुआ. सुश्री उइके ने कहा कि राज्यपाल के रूप में आज करीब एक साल 7 महीने हो रहे हैं, इस दौरान मैंने प्रयास किया कि मैं एक राज्यपाल नहीं एक पालक के रूप में कार्य करूं और हर जरूरतमंद की समस्या को समझने और समाधान करने की कोशिश की.
राज्यपाल ने कहा कि एसोचैम पूरे भारत वर्ष में उद्योग समूह के संगठन के रूप में कार्य कर रहा है. साथ ही यह समय-समय पर देश के व्यापार और वाणिज्यिक, उद्योग समूह को अपने सुझाव के द्वारा उचित दिशा प्रदान करने का कार्य कर रहा है.
