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मुकेश अंबानी को धमकी की साजिश तिहाड़ जेल से रची गई थी! जांच टीम को मिले सुराग

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मुंबई. मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के पाल विस्फोटक से भरी एसयूवी गाड़ी रखने के संबंध में जारी जांच में अहम बात सामने आई है. कथित आतंकी ग्रुप जैश-उल-हिंद के जिस टेलीग्राम चैनल के जरिए इस घटना की जिम्मेदारी ली गई थी, उसे दिल्ली के तिहाड़ जेल में बनाया गया था.

एक निजी साइबर एजेंसी इस बारे में पता लगाया है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार इस निजी एजेंसी को एक जांच एजेंसी ने उस फोन की लोकेशन के बारे में पता करने को कहा था, जिसके जरिए टेलीग्राम का चैनल बनाया गया था.

प्राइवेट एजेंसी ने जांच एजेंसी को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन कहा है कि जांच में जो बातें सामने आई हैं उसे केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल तक पहुंचा दिया गया है.

बता दें कि मुकेश अंबानी के घर के पास मिली गाड़ी में जिलेटिन छड़ें मिली थी. इस गाड़ी को लेकर बाद में ये बाद सामने आई कि ये चोरी की है. यही नहीं, चोरी की इस गाड़ी के असल मालिक मनसुख हीरेन भी मामले के सुर्खियों में आने के बाद कुछ दिन पहले संदिग्ध अवस्था में ठाणे के पास मृत मिले थे. ऐसे में मुकेश अंबानी से जुड़े इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच अब एनआईए कर रही है. वहीं, हीरेन मनसुख के मौत की जांच महाराष्ट्र की एटीएस टीम कर रही है.

टेलीग्राम चैनल को लेकर क्या बातें आई सामने

निजी साइबर फर्म की जांच में ये बात सामने आई है कि टेलीग्राम चैनल को TOR नेटवर्क के जरिए बनाया गया. इस नेटवर्क का इस्तेमाल डार्क वेब के एक्सेस के लिए किया जाता है. इसे जिस सिम कार्ड से बनाया गया, वो मेबाइल डिवाइस तब तिहाड़ के अंदर या इसके आसपास मौजूद रहा होगा.

बता दें कि डार्क वेब इंटरनेट का ही एक हिस्सा है जिसे बेनाम नेटवर्क जैसे TOR के जरिए एक्सेस किया जाता है. जांच में उस मोबाइल नंबर का पता लगा है, जिसके जरिए इंटरनेट एक्सेस किया गया. चैनल को 26 फरवरी को दोपहर 3.20 बजे के करीब बनाया गया.

इसी चैनल पर 27 फरवरी की देर रात मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी गाड़ी रखने की जिम्मेदारी ली गई थी. वहीं, 28 फरवरी को कथित जैश-उल-हिंद आतंकी संगठन के एक और टेलीग्राम चैनल पर ये दावा किया गया कि उसका इस मामले में कोई हाथ नहीं है.

पुलिस को शक है कि ये मैसेज देश से बाहर से भेजे गए. हालांकि, इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं है. बता दें कि टेलीग्राम के जिस मैसेज में गाड़ी रखने की जिम्मेदारी ली गई थी, उसमें ये भी धमकी दी गई थी कि ये एक ट्रेलर बस है और पूरी पिक्चर अभी बाकी है. मैसेज में ये भी कहा गया कि जिस शख्स ने गाड़ी रखी थी वो सुरक्षित जगह पहुंच गया है.

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