मई, 2024 तक देश भर के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 410 विशेष पॉक्सो (ई-पॉक्सो) न्यायालयों सहित 755 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय कार्यरत हैं, जहां 2,53,000 से अधिक मामले निपटाए गए

Delhi, Aug 3

केंद्र सरकार आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2018 के अनुसरण में बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों के शीघ्र परीक्षण और निपटान के लिए अक्टूबर, 2019 से विशेष पॉक्सो न्यायालयों सहित फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीसी) की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना को लागू कर रही है।

इस योजना को शुरू में एक वर्ष के लिए लागू किया गया था, जिसे मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया था। अब इस योजना को 1952.23 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 31.03.2026 तक बढ़ा दिया गया है। इसमें 1207.24 करोड़ रुपये केंद्रीय हिस्से के रूप में निर्भया फंड से खर्च किए जाएंगे। एक न्यायिक अधिकारी के साथ-साथ 7 सहायक कर्मचारियों के वेतन और दिन-प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने के लिए फ्लेक्सी ग्रांट को कवर करने के लिए सीएसएस पैटर्न (60:40, 90:10) पर धनराशि जारी की जाती है।

उच्च न्यायालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मई, 2024 तक देश भर के 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 410 विशेष पॉक्सो (ई-पॉक्सो) न्यायालयों सहित 755 एफटीएससी कार्यरत हैं, जहां 2,53,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया गया है। 31.05.2024 तक निपटाए गए मामलों की संख्या के साथ-साथ कार्यरत फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या का राज्यवार विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की स्थापना महिला सुरक्षा, यौन और लिंग आधारित हिंसा से निपटने, बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों को कम करने और यौन अपराधों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। संवेदनशील यौन अपराध मामलों का सही ढंग से समाधान करने में विशेषज्ञ पेशेवर और अनुभवी न्यायाधीशों तथा सहायक कर्मचारियों के साथ ये न्यायालय सुसंगत और विशेषज्ञ-निर्देशित कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करते हैं, जिससे यौन अपराधों के पीड़ितों को आघात तथा संकट को कम करने और उन्हें आगे बढ़ने में सक्षम बनाने में त्वरित समाधान मिलता है। फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों ने पीड़ितों की सुविधा के लिए अदालतों को बाल-अनुकूल न्यायालय बनाने के लिए अदालतों के भीतर कमजोर गवाह बयान केंद्र स्थापित करने के दृष्टिकोण को उल्लेखनीय रूप से अपनाया है।

अनुलग्नक

मई, 2024 तक राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार कार्यरत फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या तथा निपटाए गए मामलों की संख्या का विवरण

क्रम संख्याराज्य/संघ राज्य क्षेत्रकार्यरत अदालतेंयोजना की शुरूआत के बाद से निपटाए गए कुल मामले की संख्या 
विशेष पॉक्सो सहति एफटीएसीविशेष पॉक्सोएफटीएससीविशेष पॉक्सोकुल 
 
1आंध्र प्रदेश1616048994899 
2असम1717058935893 
3बिहार464601179811798 
4चंडीगढ़102650265 
5छत्तीसगढ़151192440444968 
6दिल्ली161155512621817 
7गोवा10323466 
8गुजरात35242263979312056 
9हरियाणा1612157246756247 
10हिमाचल प्रदेश6341611261542 
11जम्मू एवं कश्मीर4291101192 
12झारखंड2216227945376816 
13कर्नाटक31173740665710397 
14केरल551413530612319653 
15मध्य प्रदेश675738942245626350 
16महाराष्ट्र14772581153018788 
17मणिपुर201460146 
18मेघालय550462462 
19मिजोरम3114855203 
20नगालैंड1061364 
21ओडिशा44234992952114513 
22पुदुचेरी*1108383 
23पंजाब123205520614116 
24राजस्थान453045021013814640 
25तमिलनाडु1414072257225 
26तेलंगाना360599327318724 
27त्रिपुरा31203186389 
28उत्तराखंड40161401614 
29उत्तर प्रदेश21874340913499869089 
30पश्चिम बंगाल550106106 
 कुल75541090624162497253121 

*पुदुचेरी ने विशेष रूप से इस योजना में शामिल होने का अनुरोध किया और मई, 2023 में एक विशेष पोक्सो कोर्ट का संचालन किया है।

यह जानकारी कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।